Rajasthan Weather Alert: राजस्थान में जलवायु परिवर्तन का असर इस साल गर्मियों विशेषकर मई के मौसम में स्पष्ट नजर आ रहा है। प्रदेश में 29 मई तक पांच बार आंधी आ चुकी है। आंधी की अधिकतम रफ्तार 78 किलोमीटर प्रति घंटा तक गई है जबकि पिछले साल एक भी आंधी नहीं आई थी। बीते कुछ समय से आंधियों की तीव्रता कम हो गई थी, लेकिन इस साल असामान्य मौसम पैटर्न से आंधी की तीव्रता बढ़ा दी है।
 

विशेष बात यह है अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से ही नमी मिलने से आंधी के पीछे पीछे बारिश भी आ रही है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक लगभग 200 के नीचे बना हुआ है। इससे वायु प्रदूषण कम हो रहा है। एक मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में 80 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

प्रदेश के 33 जिलों (मौसम विभाग अब तक पुराने 33 जिलों के अनुसार ही गणना करता है।) में से केवल चार जिलों बीकानेर, दौसा, करौली और सवाई माधोपुर में ही औसत से कम बारिश हुई है, जबकि 10 जिलों में सामान्य और शेष 19 जिलों में औसत से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।

मई में बदले मौसम के कारण

अस्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियां : मई में तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुंच गया। अत्यधिक गर्मी के कारण धरातल और वायुमंडल के बीच तापमान में भारी अंतर आने से अस्थिरता बढ़ गई। इस अस्थिरता के कारण आंधियों और धूल भरी हवा की स्थिति बनी।

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता : इस साल मई में कुछ पश्चिमी विक्षोभ अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय रहे हैं। ये विक्षोभ जब थार के गर्म इलाके से टकराते हैं तो हवाओं की दिशा और गति तेजी से बदलती है, जिससे आंधियां उठती है।

स्थानीय गर्म हवा (लू) की भूमिका : इस महीने कई जगह कई दिन लू चली। लू एक गर्म हवा है। जब यह गर्म हवा अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवा से टकराई तो आंधी और बारिश का मौसम बना।

दोनों सागर सक्रिय : इस साल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों सक्रिय है। बंगाल की खाड़ी में डीप डिप्रेशन बना हुआ है। मानसून से पहले ही पूर्वी हवा राजस्थान पहुंचनी शुरू हो गई। अरब सागर पास होने से इसकी भी नमी आ रही है। इससे आंधी के पीछे पीछे बारिश हो रही है।