रजिस्ट्रेशन की फांस में 72 हजार प्ले स्कूल
भोपाल । जानकारी के अनुसार प्रदेश में 72 हजार से ज्यादा प्ले स्कूल संचालित हैं, जिन्हें अभी किसी भी मान्यता की जरूरत नहीं होती थी। महिला बाल विकास विभाग ने दो साल पहले वर्ष 2020 में मान्यता लेने के नियम जारी किए थे। लेकिन कोरोना के कारण इस पर विराम लग गया। एक बार फिर राज्य सरकार ने शाला पूर्व शिक्षा नीति-2022 लागू की है। इसके तहत बगैर मान्यता के प्ले स्कूल चलते पाए गए, तो संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे संचालक परेशान हैं। दो साल पहले तक बिना मान्यता के चल रहे प्ले स्कूलों (प्री-नर्सरी, केजी, किंडर गार्टन)को अब रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में मान्यता के लिए 72 हजार प्ले स्कूलों के संचालक करीब एक साल से परेशान है। प्ले स्कूल संचालकों ने रजिस्ट्रेशन के नियम को आसान बनाए जाने की कई बार शिकायत की है। बावजूद इसके विभाग उनकी समस्याओं को नहीं सुन रहा है। जिसका नतीजा यह है कि नाममात्र के प्ले स्कूल ही अभी तक विभाग की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में शामिल हुए है। संचालकों का कहना है कि सरकार ने प्ले स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के नियम तो बना दिए, लेकिन उनकी समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा है। जिससे प्ले स्कूल संचालक रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे है। एमएस किड्स पैराडाइज स्कूल की संचालिका कामिनी सारस्वत ने विभाग को शिकायती आवेदन भी दिया है। इसमें उनका कहना है कि वह विगत 12 वर्षों से स्कूल संचालित कर रही है। विभाग द्वारा प्री- स्कूलों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। लेकिन छह महीनों से रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास कर रही हूं। इसमें समस्या है। उनका कहना है कि विभाग के पोर्टल के अनुसार कोई भी व्यक्ति संस्था प्री स्कूलों को संचालित कर सकते हैं परंतु कोई व्यक्ति प्रोपराइटर पोर्टल पर जाता है तो संस्था का रजिस्ट्रेशन के बगैर प्रीस्कूल रजिस्टर्ड नहीं कर पाता है इस संबंध में समस्या का समाधान करें।
विभाग के पोर्टल के अनुसार चले तो रजिस्टार फम्र्स एवं संस्था में पहले 72000 प्ले स्कूलों को संचालकों को सोसायटी बनानी होगी सोसायटी बनने के बाद ही स्कूल का रजिस्ट्रेशन होगा इसमें स्कूलों की समस्या यह है कि प्ले स्कूल एक या दो लोग ही संचालित करते हैं जब सोसाइटी बनाना होगी तो 7 लोग कम से कम चाहिए इस संबंध में स्कूल संचालकों का कहना है कि विभाग ने नियम में ही व्यक्ति या संस्था शब्द दिया है जब व्यक्ति ही स्कूल संचालित कर रहा है तो एक व्यक्ति के अनुसार ही उसका रजिस्ट्रेशन भी होना चाहिए जबकि ऑनलाइन प्रोसेस में ऐसा नहीं हो रहा है।। नई व्यवस्था में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्री नर्सरी केजी किंडरगार्टन स्कूलों को मान्यता देंगे विभाग ने इन अधिकारियों को नोडल बनाया है यही औचक निरीक्षण और कार्रवाई भी करेंगे।