आठ से दस घंटे की बिजली कटौती से जनजीवन अस्तव्यस्त
सौंसर । ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित रूप से की जा रही विद्युत कटौती के चलते लोगों को परेशानी बढ़ती जा रही है। रात्रि में शहरी भागो में हो रही अघोषित कटौती के कारण लोगों की नींद खराब हो रही है। वर्तमान में गर्मी का सीजन चल रहा है, और ऐसे में बिजली का गोल होना जनता के लिए बड़ी समस्या है। शुक्रवार की रात को तो सौसर नगर में कई बार बिजली आती-जाती रही जिसके चलते नागरवासी परेशान होते दिखे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अघोषित कटौती आठ घंटे तक की हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को परेशानी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सूचना दिए बड़े पैमाने पर बिजली की कटौती मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी की ओर से की जा रही है, जिसके चलते ग्रामीण आक्रोशित हो रहे हैं।विधानसभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष पंकज दातारकर ने भी कटौती को गलत बताते हुए कहा कि बीते दिनों कांग्रेस की ओर से विद्युत कटौती बंद करने की मांग को लेकर धरना देते हुए प्रशासन को अवगत किया गया था। यदि विभाग के द्वारा जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही विद्युत कटौती को रोका नहीं गया तो, कांग्रेस के सभी अनुषांगिक संगठनों एवं कार्यकर्ताओं ग्रामीणों को साथ में लेकर विधान सभा युवक कांग्रेस के द्वारा मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
मूंगफल्ली को लेकर किसान चिंतित
बिजली विभाग द्वारा इन दिनों बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित रूप से घंटों बिजली की कटौती की जा रही है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र का जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है। सबसे अधिक नुकसान किसानों को हो रहा है। जोबनी खापा क्षेत्र के किसान अंकुश पाटिल,िशवलाल बावने, यशवंत धुर्वे, प्रवीण पाटील,रत्नाकर गजभिए ने बताया कि जोबनी खापा, नंदूढाना, सिलोरा,कोपरावाडी क्षेत्र में 7 से 8 घंटे की हो रही बिजली कटौती के कारण खेतों फसलों में सिंचाई के लिए पानी नहीं दे पा रहे हैं। किसानों ने बताया कि यह क्षेत्र मूंगफली का क्षेत्र है। लगभग 250 हेक्टेयर में यहां 15 से अधिक गांव में मूंगफली और सब्जियों की फसल का उत्पादन किया जाता है। भीषण गर्मी और समय पर पानी न मिलने के कारण फसलें मुरझा रही है। बैंगन,टमाटर के पौधों को पानी नहीं मिल रहा है। उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा।
अतिरिक्त बिजली देने का किया था वादा
किसानों का कहना है कि सरकारने किसानों को अतिरिक्त बिजली देने का आश्वासन दिया था जो पूरा नहीं किया जा रहा। बिजली कटौती अगर इसी प्रकार से चलती रहेगी तो किसानों की लाखों रुपए की फसलें बर्बाद हो जाएगी। लोगों का कहना पड़ा कि क्षेत्र के किसानों और आम जनता के द्वारा मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ जल्द ही बिजली अघोषित बिजली कटौती रोकने की मांग को लेकर ज्ञापन आंदोलन भी किया जाएगा।