भारी कर्ज में डूबा अमेरिका, डिफाल्ट होने का खतरा मंडराया
वाशिंगटन । अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के 31.46 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने से दुनिया भर में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। अमेरिकी ट्रेजरी चीफ येलेन ने कांग्रेस से 31.4 ट्रिलियन डॉलर की फेडरल कर्ज सीमा बढ़ाने और एक अभूतपूर्व डिफॉल्ट को टालने की अपील की। येलेन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हो सका तब दुनिया भर में आर्थिक मंदी का खतरा तो होगा ही अमेरिकी की दुनिया भर में इकोनॉमिक लीडरशिप भी कमजोर होने का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।
येलेन ने सात देशों के समूह: जी-7 के साथ-साथ भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील के वित्त मंत्रियों के साथ जापान में बैठक से पहले कड़ी चेतावनियों को जारी किया। येलेन ने कहा कि कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट से उन लाभ के खत्म होने का खतरा होगा जो पिछले कुछ साल में महामारी से उबरने के लिए कड़ी मेहनत करके हासिल किए गए। साथ ही यह एक वैश्विक मंदी को बढ़ावा देगा जो अमेरिका को और पीछे ले जाएगा। इससे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों पर भी जोखिम बढ़ेगा। येलेन ने कहा कि इस मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के असहयोग से संकट खड़ा हुआ है। डिफॉल्ट के खतरे से अमेरिकी सरकार की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट आ सकती है। जैसा कि 2011 में कर्ज सीमा बढ़ाने के झगड़े के दौरान हुआ था।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ही कहा था कि सरकार के बिलों को चुकाने के लिए ट्रेजरी से पैसे खत्म होने से पहले कांग्रेस ने अगर कर्ज सीमा बढ़ाने को मंजूरी नहीं दी तब 1 जून से अमेरिकी इकोनॉमी के मंदी में फंसने का जोखिम है।