चिकित्सक के नुस्खे के साथ बेचनी होंगी आयुर्वेदिक दवाएं
आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत भांग, चरस, अफीम सरीखे पदार्थों से बनने वाली दवाएं आती हैं। जिसमें ज्यादातर दर्द निवारक, शक्तिवर्धक और असाध्य रोगों की दवाएं शामिल हैं।केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स संस्थाओं से कहा है कि वह आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी दवाओं को पंजीकृत चिकित्सक या वैध के नुस्खे पर ही बेच सकते हैं।इसके तहत वह दवाएं शामिल हैं, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स, 1945 की अनुसूची ई (1) में सूचीबद्ध सामग्री में शामिल हैं।इसमें आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत भांग, चरस, अफीम सरीखे पदार्थों से बनने वाली दवाएं आती हैं। जिसमें ज्यादातर दर्द निवारक, शक्तिवर्धक और असाध्य रोगों की दवाएं शामिल हैं।