अमेरिकी संसद में छलका बाइडेन का दर्द, कहा
वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। चुनाव से पहले आखिरी यूनियन एड्रेस में 81 साल के बाइडेन ने उम्र को लेकर उनकी आलोचना करने वाले लोगों को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कभी मुझे कहा जाता था कि मैं बहुत छोटा हूं, इसकी वजह से कभी-कभी तो मुझे वोटिंग के लिए सांसदों के एलिवेटर (लिफ्ट) में घुसने नहीं दिया जाता था। अब मुझे कहा जाता है कि मैं बहुत बूढ़ा हूं। चाहे जवान हूं या बूढा मैं हमेशा से सहन करना जानता हूं। अमेरिका के मूल्य यही हैं कि हम सब बराबर पैदा हुए हैं और हमारा अधिकार है कि हमारे साथ पूरी उम्र बराबरी से व्यवहार किया जाए।
अमेरिकी चुनावों में प्रवासी बहुत बड़ा मुद्दा है। ऐसे में बाइडेन ने प्रवासियों पर बात करते हुए कहा कि मैं ट्रम्प की तरह प्रवासियों को राक्षस नहीं मानता। मैं उनकी तरह नहीं कहूंगा कि प्रवासी अमेरिका के खून में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। मैं लोगों पर सिर्फ उनके धर्म के आधार पर प्रतिबंध नहीं लगाउंगा। अमेरिका दुनिया के हर कोने से आए लोगों के लिए सुरक्षित जगह है।
बाइडेन ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि आज दुनिया में लोकतंत्र और आजादी सबसे ज्यादा खतरे में है। अगर किसी को भी लगता है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन से पीछे हट जाएंगे तो वो गलतफहमी में है। मैं पुतिन को बताना चाहता हूं कि हम यूक्रेन का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे और हम रूस के आगे कभी नहीं झुकेंगे। बाइडेन ने संसद के सामने यूक्रेन के लिए एड जारी रखने की अपील की। हम यूक्रेन में अपने सैनिकों को नहीं भेजेंगे। यूक्रेन ने हमसे हथियारों के मामले में सैन्य सहायता मांगी है, जिससे वो रूस का मुकाबला कर सके। ट्रम्प का नाम लिए बिना बाइडेन बोले- पूर्व राष्ट्रपति ने रूस को नाटो देशों के खिलाफ मनमानी करने के लिए उकसाया था। वो पुतिन के आगे झुक गए। इस तरह का बयान बेहद खतरनाक है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।