भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता बना रहे रोजाना जीत की रणनीति
भोपाल । नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट कटने से नाराज दावेदारों ने नामांकन तो वापस ले लिए हैं, पर पार्टी की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के ऐसे दर्जनों नेताओं के नाम हैं, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय जाकर पर्चा दाखिल किया था। भाजपा के बागियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री विश्वास सारंग, प्रदेश अध्यक्ष, वीडी शर्मा, जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी के समझाने पर नामांकन तो वापस ले लिया, पर अब मैदान में सक्रिय होने की बजाय निर्दलीय का साथ दे रहे हैं। उधर, कांग्रेस में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, विधायक पीसी शर्मा, आरिफ मसूद के समझाने के बाद भी मैदान में डटे नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशियों को समर्थन की बजाय पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रखीं। कांग्रेस और भाजपा ने नगर निगम चुनाव मतदान से एक हफ्ते पहले ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। निष्कासन की कार्रवाई के बावजूद भीतरघात का खतरा कम नहीं हुआ है। निष्कासित नेता अब वार्ड के निर्दलीय उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा ने की प्रचार करने की अपील
नाराज चल रहे नेताओं से भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशियों को जिताने के लिए माहौल बनाने की अपील की है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने निष्क्रिय बैठे एवं पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पार्टी नेताओं को संविधान की याद दिला कर वापस लौटने की सलाह दी है।
घर घर जा रहे दिग्विजय
कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने और बागी तेवर दिखा रहे कार्यकर्ताओं को निष्कासित करने की कार्यवाही जारी है। जिन लोगों का निष्कासन नहीं हुआ है, उन्हें अभी भी मनाने का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुद कार्यकर्ताओं के घर जाकर बातचीत कर रहे हैं।