नाराज भाजपा नेताओं को मनाने के लिए पहुंच रहे हैं भाजपा के नेता
भोपाल । लगातार दो दशक से मध्य प्रदेश में भाजपा सत्ता में हैं। भाजपा में भी सत्ता का मद दिखने लगा है। जो लोग पदों पर बैठे हैं। वह निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं का लगातार अपमान और उपेक्षा कर रहे हैं। जिसके कारण भाजपा और संघ के कई निष्ठावान नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने की तैयारी में है,या घरों में निष्क्रिय होकर बैठ गए हैं।
इस वर्ष मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव है। भाजपा के कार्यकर्ताओं और संघ के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए,अब चुनाव के पहले संगठन सक्रिय हो गया है। पार्टी के नेता नाराज नेताओं के घर पहुंच कर उन्हें मनाने का काम कर रहे है।
पूर्व सांसद मकनसिंह को मनाने पहुंचे एक मंत्री और दो सांसद
पूर्व सांसद मकनसिंह सोलंकी को मनाने के लिए गुरुवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल तथा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी और सांसद गजेंद्र पटेल,पूर्व मंत्री अंतरसिंह आर्य के साथ उनके घर पहुंचे। 3 घंटे तक शिकवा शिकायत का दौर चलता रहा। लेकिन उनकी नाराजगी खत्म हो गई हो, ऐसा लग नहीं रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सभा के दौरान सोलंकी के कांग्रेस में जाने की खबर थी। इस खबर के बाद भाजपा के उपरोक्त नेता पूर्व सांसद के घर पहुंचे थे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सांसद सोलंकी ने कहा, उन्हें पार्टी ने कोई भरोसा नहीं दिया है। नाही कोई जिम्मेदारी देने के बारे में आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि वह अभी भाजपा में है। कल क्या होगा इसका पता उन्हें भी नहीं है।
यह बात तो बड़वानी के एक पूर्व सांसद की थी। लेकिन पूरे प्रदेश में सैकड़ों ऐसे भाजपा के स्तंभ है। जिन्होंने जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। उनकी दो और तीन पीढ़ियां पार्टी की सेवा करती रहीं। जीवन में जो कमाया वह पार्टी में लगा दिया था। वर्तमान में भाजपा का नेतृत्व और संघ के पदाधिकारी जिस तरह से उनकी उपेक्षा कर रहे हैं। उसके कारण ऐसे नेताओं के परिवारजन भी उनसे नाराज हैं। उपेक्षा से नाराज अंदर ही अंदर सैकड़ों भाजपा के नेता नाराज होकर पार्टी छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। जब सत्ता आ गई,तो मलाई खाने के लिए ऐसे-ऐसे लोग आ गए हैं। जिन्होंने कभी कोई काम नहीं किया। उल्टे वह अहंकारी होकर पार्टी के लोगों से ही,ऐसी बात करते हैं। जिसे सहन कर पाना अब संभव नहीं हो पा रहा है। जो लोग मंत्री विधायक और संगठन में पद लेकर बैठे हुए हैं। वही लोग अब पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं और नेताओं को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। जिसके कारण भाजपा संगठन में अंदर ही अंदर बवाल मचा हुआ है। चुनाव के पहले बड़े पैमाने पर भाजपा के निष्ठावान नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ सकते हैं। इसका एहसास अब सरकार और संगठन को भी होने लगा है।