मप्र में खोई ताकत पाने बसपा लगाएगी दम
- ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में एक बार फिर सक्रियता बढ़ाएगी पार्टी
- 2018 के विधानसभा चुनाव में मिला था 5.1 प्रतिशत मत, दो जीते थे विधायक, एक ने साथ छोड़ा
- नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भी नहीं मिली अपेक्षित सफलता
भोपाल । मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा और कांग्रेस के साथ बसपा ने भी तैयारी प्रारंभ कर दी है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और मध्य प्रदेश में लगातार घटता वोट बैंक चिंतित कर रहा है। पिछले चुनाव में पार्टी को मध्य प्रदेश में 5.1 प्रतिशत मत मिले थे और दो विधायक जीते थे। इनमें से भी एक संजीव कुशवाह भाजपा में शामिल हो गए हैं। हाल ही में हुए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी ने बड़ी उम्मीदों के साथ प्रत्याशी उतारे थे लेकिन नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसे देखते हुए पार्टी ने ग्वालियर, चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में ताकत लगाने का निर्णय किया है। इसके लिए जिला और विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बाद बसपा ही ऐसा दल है, जिसका वोटबैंक रहा है। 2003 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को दो विधायक जीते थे और कुल वोट 7.26 प्रतिशत मिले थे। 2008 में 8.97 प्रतिशत मत मिले और सात विधायक जीते थे। जबकि, 2013 में मत प्रतिशत 6.29 प्रतिशत रहा और चार विधायक जीते थे। मतदान के प्रतिशत को देखें तो यह लगातार कम होता जा रहा है और पार्टी की परंपरागत वोटबैंक पर जो पकड़ थी, वह ढीली होती जा रही है। नगरीय निकाय चुनाव में भी मात्र 56 पार्षद चुनाव जीते।
यही स्थिति जिला और जनपद पंचायत के चुनाव में रही। जिला और जनपद पंचायत में पार्टी समर्थित 168 सदस्य ही निर्वाचित हुए। ग्वालियर क्षेत्र में भिंड से विधायक संजीव कुशवाह बड़ी ताकत थे लेकिन वे राष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए। अब विधानसभा में पार्टी विधायक रामबाई अकेली रह गई हैं। लगातार कमजोर होती स्थिति को संभालने के लिए पार्टी ने ग्वालियर, चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में विशेष ध्यान देने का निर्णय किया है।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल का कहना है कि हमारी कोशिश यह है कि आगामी चुनाव में हमारे बिना किसी की भी सरकार न बने। इसके लिए अपने जनाधार को मजबूत करने के काम में पूरा संगठन जुटा है। जिला और विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन प्रारंभ हो गए हैं। जो निष्क्रिय पदाधिकारी हैं, उनके स्थान पर नई नियुक्तियां की जा रही हैं। प्रदेश को जोन में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। सर्व समाज को पार्टी से जोडऩे की रणनीति पर काम किया जा रहा है। 25 सितंबर को भोपाल में प्रदेशव्यापी कार्यक्रम किया जाएगा।