कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर घमासान
अध्यक्ष युवाओं को देना चाहते हैं मौका, सीनियर भी चाहते हैं जगह
भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस में नई कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है। कार्यकारिणी में पदों को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी नए और युवा चेहरों को कार्यकारिणी में जगह देना चाहते हैं। जबकि कांग्रेस के सीनियर नेता प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के इस निर्णय से खुश नहीं है। कई बड़े नेता खुद भी कार्यकारिणी में शामिल होना चाहते हैं, तो कुछ अपने लोगों को जगह दिलवाना चाहते हैं। इसे लेकर कई नेता दिल्ली तक पहुंच चुके हैं। और लगातार हाई कमान से अपने लोगों को कार्यकारिणी में शामिल करने की गुहार लगा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जीतू पटवारी की चलती है या हाई कमान इस पर कुछ निर्णय लेता है।
पटवारी से नाराज है कई सीनियर नेता
कार्यकारिणी के गठन को लेकर लगातार बैठक की जा रही। पिछले डेढ़ महीने के भीतर पीसीसी में दो बैठक हो चुकी है। इतना ही नहीं दिल्ली से आई टीमों ने हारे और जीते कार्यकर्ताओं के साथ साक्षात्कार भी किया जिसमें कई तरह की बातें बाहर निकल कर सामने आई हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं के प्रति रवैया है उससे पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हैं। और वो इस बात की शिकायत दिल्ली से आई टीम से भी कर चुके हैं।
फ्री हैंड चाहते हैं पटवारी, सीनियर नेताओं के बगावती सुर
कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी चाहते हैं कि नई कार्यकरिणी बने तो टीम में नए और युवा चेहरा शामिल हो और इस टीम की पूरी कमान उनके हाथ में हो किसी प्रकार के दखलअंदाजी ना हो और पार्टी उन्हे फ्री हैंड दे। इस बात को लेकर कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बगावती तेवर अपना रखा है। दरअसल अजय सिंह, कांतीलाल भूरिया,बाला बच्चन सहित कई ऐसे नेता हैं जो जीतू पटवारी से सीनियर हैं और उन्हे धीरे-धीरे कर पार्टी से साइड लाइन किया जा रहा है। लिहाजा वो अपनी राजनीतिक वर्चश्व बचाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होना चाहते हैं।
सीनियर नेताओं को मार्गदर्शन मंडल में डालना चाहते हैं पटवारी
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी चाहते हैं कि नई कार्यकारिणी में युवा चेहरों को मौका मिले और सीनियर नेता उनका मार्गदर्शक बनें। पटवारी इस बार की प्रदेश कार्यकारिणी में कसावट के साथ अच्छे पदाधिकारियों को रखना चाहते हैं जो 2028 तक पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर सकें और कांग्रेस को एक बार फिर चुनाव लडऩे के योग्य बना सकें। लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली तक दस्तक देना शुरु किया है उसके बाद से प्रदेश कार्यकारिणी बनाने में कांग्रेस हाई कमान को दिक्कतें हो रही हैं और वो एक बार फिर पार्टी के नेताओं के साथ रायशुमारी करने की योजना तैयार कर रहा है। दिल्ली हाई कमान चाहता है कि कार्यकारिणी बने तो उसमें किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश न रहे लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति देखने को मिल रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नई कार्यकारिणी को लेकर कांग्रेस में बड़े विवाद की स्थिति बनने वाली है।