बिपरजॉय तूफान की आहट से पहले कलेक्टर टीना डाबी हुई सतर्क, दिए जरूरी निर्देश....
अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ रहा है। ये तूफान 15 जून को दोपहर में कच्छ जिले के जखी पोर्ट से टकराएगा। जब यह तूफान गुजरात तट से टकराएगा तो वहां 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय क्षेत्रों में आंधी और बारिश का दौर जारी है। इस तूफान के असर से पश्चिमी-दक्षिण राजस्थान के कई जिलों में तेज आंधी और बारिश की संभावना है।
जैसलमेर जिले में तूफान के असर से 15 जून को मौसम बदलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून को हल्की बारिश और 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। वहीं, 16 से 18 जून तक जैसलमेर जिले में ओरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इस दौरान मेघगर्जन, बिजली चमकने के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कृषि मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 16 से 18 जून तक जिले में भारी बारिश के साथ 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट हो सकती है।
चक्रवात से पूर्व ही तापमान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आगामी 4-5 दिनों में तापमान 34 से 35 डिग्री तक लुढ़क सकता है। मंगलवार को तापमान में गिरावट हुई। लेकिन गर्मी और उमस से राहत नहीं मिली। सुबह से ही तेज धूप ने लोगों को बेहाल कर दिया। लोग गर्मी से बचने का जतन करते नजर आए। मंगलवार को दिन और रात के पारे में एक से दो डिग्री की गिरावट हुई। अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 29.2 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग की चेतावनी को लेकर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने आपदा संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। साथ ही अस्पतालों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति, डीजी सेट की तत्काल व्यवस्था करने व उपखंड मुख्यालयों और पंचायत समिति में नियंत्रण कक्ष स्थापना के लिए भी संबंधित प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं। कलेक्टर ने राहत एवं बचाव संबंधित सामग्री की व्यवस्था करने तथा तैराकों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने पानी के बहाव क्षेत्र और डूबत क्षेत्र में आने वाली बस्तियों का चिन्हित करने तथा समीप ऊंचे स्थान पर सरकारी भवनों को आश्रय स्थल के रुप में चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर टीना डाबी ने आगामी दिनों में विपरीत मौसम की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को तैयार फसलों, खलिहानों में पड़ी फसलों तथा कृषि मंडियों में खुले आसमान में रखे हुए अनाज को उचित स्थान पर रखने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने सोलर सिस्टम को भी सुरक्षित रखने एवं मेघगर्जना की आवाज सुनाई देने या बिजली चमकती हुई दिखाई देने पर बड़े पेड़ों के नीचे व कच्चे मकानों में शरण नहीं लेने की अपील की है। उन्होंने वाहन चालकों से भी कम सादृश्यता की स्थिति में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।