बीमा के आनालाइन डेटा की अनिवार्यता खत्म, तत्काल मिलने लगे वाहन
भोपाल । परिवहन विभाग ने वाहन-4 पोर्टल पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन में आ रही बीमा की दिक्कत को खत्म कर दिया है। इंश्योरेंश इन्फोरमेशन ब्यूरो (आईआईबी) से मिलने वाली आनलाइन डेटा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। डीलरों को गाड़ी का बीमा करने के बाद हार्ड कापी निकालकर डेटा अपलोड करने की छूट दे दी है। इस बदलाव से लोगों को तत्काल वाहन की डिलेवरी मिलने लगी है। आवेदन अपलोड होने के बाद गाड़ी का नंबर मिलने लगा है। इस बदलाव से रजिस्ट्रेशन भी बढ़े हैं। वहीं दूसरी ओर भारत सीरीज के तहत भोपाल में पहली गाड़ी रजिस्टर्ड हो चुकी है। अलग-अलग जिलों में 41 गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में है।
प्रदेश में एक अगस्त से वाहन-4 पोर्टल की शुरुआत की थी। इसके शुरू होने से डीलर पाइंट पर ही रजिस्ट्रेशन होने लगे, लेकिन वाहन के रजिस्ट्रेशन में बीमा सबसे बड़ा रोड़ा बन गया था। गाड़ी का बीमा कराने के बाद आईआईबी से तत्काल बीमा का डेटा नहीं मिल पा रहा था। जिससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही थी। जो लोग मुहूर्त पर गाड़ी लेने जा रहे थे, उन्हें निराश होना पड़ रहा था, क्योंकि बिना बीमा के गाड़ी की डिलेवरी नहीं मिल रही थी। वाहनों के रजिस्ट्रेशन की संख्या भी घट गई थी। परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र व आईआईबी को इस समस्या को खत्म के निर्देश भी दिए, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। विभाग ने आइआइबी से मिलने वाले डेटा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। डीलर बीमा की हार्ड कापी निकालने के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कर सकता है। एक से 16 अगस्त के बीच प्रदेश में 21 हजार 169 दो-पहिया व चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
क्या है भारत सीरज
भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारी व निजी संस्थानों में कार्य करने वाले ऐसे कर्मचारियों के भारत सीरीज शुरू की है। जिनका एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानातंरण होता है, भारत सीरज का नंबर लेने के लिए उसे अपने नौकरी की जानकारी देना होती है। जो सर्टिफिकेट फाइल के साथ संलग्न किए जाते हैं, वह आरटीओ के पास जांच होने के लिए जाते हैं। आरटीओ तय करते हैं कि संबंधित व्यक्ति को भारत सीरज का नंबर मिलना चाहिए या नहीं। दस लाख रुपये तक की गाड़ी का रोड टैक्स आठ फीसद है। 10 से 20 लाख रुपये तक की गाड़ी का दस फीसद है। 20 लाख से ऊपर की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन टैक्स 12 फीसदी है। डीजल गाड़ी पर दो फीसद अतिरिक्त टैक्स लगता है। इस रजिस्ट्रेशन के लिए दो साल का टैक्स लिया जाता है। उसके बाद रजिस्ट्रेशन को रिन्यूवल कराना होगा। रिन्यूबल की प्रक्रिया आनलाइन है। बीएच सीरीज के तहत भोपाल में पहली गाड़ी रजिस्टर्ड हुई है। 22 बीएच 9015 सी नंबर मिला है।
प्रदेश के चार महानगरों में वाहन रजिस्ट्रेशन की स्थिति
महानगर दो-पहिया चार-पहिया वाहन
ग्वालियर 599 0303
भोपाल 999 0656
इंदौर 2097 1319
जबलपुर 1108 0352
(नोट: 1 से 16 अगस्त के बीच रजिस्टर्ड वाहनों की स्थित है। प्रदेश में 21 हजार 169 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।
इनका कहना है
डीलर गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के वक्त बीमा की जानकारी मैनुअल फीड कर सकते हैं। मैनुअल फीड होने के बाद आवेदन सबमिट हो जाएगा। इससे बीमा की समस्या खत्म हो गई है। अब रजिस्ट्रेशन में दिक्कत नहीं आ रही है।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त परिवहन विभाग