नर्सिंग कालेज धांधली प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर बोला हमला
भोपाल । प्रदेश में 94 निजी नर्सिंग कालेज की मान्यता रद करने और 93 कालेजों की मान्यता निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार पर लगातार हमलावर है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर शिवराज सरकार पर बड़ा हमला बोला। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार में इतने घोटाले किए जितने आजादी के बाद किसी प्रदेश में नहीं हुए होंगे। प्रदेश में 667 नर्सिंग कालेज, 60 हजार छात्र अध्ययन कर रहे हैं। पहले भी हमने फर्जी नर्सिंग कालेजों की शिकायत की थी। फिर से शिकायत की, हाईकोर्ट ग्वालियर में याचिका दायर की। कोर्ट ने जांच कमेटी बनाई थी। जिसमें 70 कालेजों को अमानक स्तर का पाया है। हाईकोर्ट जबलपुर ने भी जांच कराई। नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को हटाया। जांच में नर्सिंग कालेज ही नहीं मिले। 54 हजार वर्ग फिट भवन भी कहीं कहीं पाया। सिर्फ 50 कालेज ठीक पाए गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या आपकी जानकारी के बगैर ऐसा घोटाला हो सकता है। मंत्री, एसीएस स्वास्थ्य, आयुक्त शामिल नहीं होंगे तो ऐसा घोटाला संभव है। सरकार श्वेत पत्र जारी करे और दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे। दोषियों को जेल भेजने तक लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने आशंका जताई कि जांच और कार्रवाई में देरी हुई तो व्यापम कांड जैसे लोगों को रास्ते से हटा दिया जाएगा।कांग्रेस के प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने बताया कि भाजपा की सरकार आने के बाद से यह घोटाला चल रहा है।
कोरोना काल में जब नर्सिंग कालेज से संबद्ध अस्पतालों में कोविड सेंटर नहीं बनाए गए, तब आरटीआई आवेदन लगाए गए। जांच में अस्पताल, फेकल्टी तक नहीं मिली। सीबीआई, ईडी, ने भी जांच नहीं की, तो मीडिया के सामने आए। इस मामले में कालेधन का इस्तेमाल हुआ। यह कोर्ट की सुनवाई में प्रमाणित हो चुका है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा जब व्यापमं में मंत्री जेल जा सकते हैं। तत्कालीन राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकते हैं। तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग दूध के धुले नहीं है। ईडी-सीबीआई मप्र पर क्यों मेहरबान है। वैसे तो ये संस्थान स्वतः संज्ञान लेते हैं। जयंत मलैया, अजय विश्नोई और अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष के नाम 2007 में सामने आए थे। ई टेंडरिंग के मामले क्यों दबा दिए गए। डा. गोविंद सिंह ने नरोत्तम मिश्रा पर लगाया सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक के साथ मिलकर सरकार के लिए पैसे इकट्ठे करने का आरोप।