कांग्रेस एक भी कार्यकर्ता को नाराज नहीं करना चाहती
जयपुर । 9 साल पूर्व केन्द्र की सत्ता से खारिज हुई अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल में मिला सरकार बनाने के मौके की रणनीति को अब 2023 में होने वाले राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हिन्दी भाषी राज्यों में फायदा उठाने का कोई भी मौका चूकना नहीं चाहती है चुनाव जीतने की गरज से अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लेकर देश के प्रदेशों में प्रदेश स्तरीय समस्याओं को चिन्हित कर चुनाव लडने की रणनीति पर काम कर रही है राजस्थान विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में कुछ ही माह शेष है ऐसे में राजस्थान कांगे्रस के प्रमुख प्रभारी सुखजिंदर सिंह रधावा कांग्रेस संगठन में किसी भी कार्यकर्ता को नाराज नहीं करना चाहते है।
तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी तमाम लोकलुभावना घोषणा के तहत कांग्रेस को पुन: सत्ता में लाने का दावा कर रहे है ऐसे में संगठन को चुस्त दुरूस्त करने के लिए प्रदेश संगठन में हर पद पर कांग्रेसी कार्यकर्ता को नियुक्त करना चाहते है। जिसके तहत राजस्थान कांग्रेस में जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी विस्तार के बाद अब विभाग-प्रकोष्ठों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा विभागों-प्रकोष्ठों में नई नियुक्तियां करने की कवायद में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही प्रकोष्ठ-विभागों में अध्यक्ष और संयोजकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। दरअसल प्रदेश कांग्रेस में 30 से ज्यादा विभाग-प्रकोष्ठ हैं, जो पार्टी के लिए हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभाते हैं। अब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निष्क्रिय पड़े विभाग-प्रकोष्ठों को भी सक्रिय करने के निर्देश पार्टी हाईकमान ने रंधावा और डोटासरा को दिए हैं।दरअसल प्रदेश कांग्रेस में संभवत ऐसा पहली बार हुआ है जब 3 साल से भी ज्यादा समय से विभाग और प्रकोष्ठ भंग हैं। जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस की कार्यकारिणी के साथ-साथ विभागों और प्रकोष्ठों को भी भंग कर दिया था। प्रकोष्ठ की नियुक्ति जहां प्रदेश नेतृत्व के हाथ में होती है, वहीं विभिन्न विभागों में नियुक्ति पीसीसी की अनुशंसा पर एआईसीसी की ओर से की जाती है। प्रदेश कांग्रेस से जुड़े विभाग और प्रकोष्ठ इसलिए भी अहम है क्योंकि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं को पीसीसी की प्रदेश कार्यकारिणी में नहीं लिया जाता है उन्हें विभाग-प्रकोष्ठों में एडजस्ट करके संतुष्ट किया जाता है। कांग्रेस पार्टी की ओर से होने वाले धरने-प्रदर्शनों में भी विभाग-प्रकोष्ठों के कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभाते हैं। ये विभाग-प्रकोष्ठ रिक्त, नियुक्ति का है इंतजार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में जो प्रकोष्ठ और विभाग रिक्त हैं उनमें एससी-एसटी विभाग, ओबीसी, माइनॉरिटी, किसान कांग्रेस, विधि विभाग, असंगठित मजदूर कांग्रेस और सोशल मीडिया विभाग प्रमुख तौर पर है। वहीं अभाव अभियोग, कच्ची बस्ती, खादी ग्रामोद्योग, शिक्षक प्रकोष्ठ, निशक्तजन, खेलकूद, पर्यावरण प्रकोष्ठ, घुमंतु अर्ध घुमंतु प्रकोष्ठ रिक्त हैं। हालांकि इनमें से केवल अभी तक ओबीसी और सोशल मीडिया विभाग में ही नियुक्ति हो पाई है।