कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी व बिजली संकट पर बोलेगी हल्ला
भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस मिशन 2023 की तैयारियों को लेकर एक्टिव मोड में आने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रदेश सरकार की विपफलताओं को लेकर उसे जबर्दस्त तरीके से घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, बिजली संकट और बदहाल कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगी। विधानसभा से लेकर सड़क तक इन मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में आंदोलनों का नेतृत्व करेंगे। मतदान केंद्र स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। साथ ही भाजपा द्वारा जो भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है, उसका पुरजोर जवाब इंटरनेट मीडिया से लेकर हर स्तर पर दिया जाएगा। यह निर्णय रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के आवास पर हुई वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों की बैठक में लिया गया। बैठक प्रारंभ होते ही बिजली चल गई। इस दौरान पूर्व मंत्रियों ने मोबाइल की लाइट जलाई तो कमल नाथ ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलाई गई झूठ का इससे बड़ा कोई प्रमाण नहीं है। यही तो मुद्दे हैं जो आमजन को प्रभावित करते हैं। इन्हें हमें नीचे तक पहुंचाना है। इस दौरान बूथ, मंडलम, सेक्टर स्तर पर पार्टी को मजबूत करने, आंदोलन की गति तेज करने, भाजपा द्वारा फैलाए जाने वाले भ्रम का जवाब देने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। पूर्व मंत्री तरुण भनोत और प्रियव्रत सिंह ने बताया कि करीब तीन घंटे चली बैठक में वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तय किया गया कि सरकार बनने पर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने के साथ किसानों की ऋण माफी की जाएगी। प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। गांव और तहसील स्तर पर बिजली की बड़े पैमाने पर कटौती हो रही है। संभागीय स्तर पर बड़े आंदोलन होंगे। पीईबी की परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर 12 मई को भोपाल में युवा कांग्रेस प्रदर्शन करेगी। प्रत्याशी चयन से लेकर आरोप पत्र बनाने तक बांटी जिम्मेदारी : बैठक में तमाम मुद्दों पर विचार करने के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ये भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र बनाने से लेकर चुनाव अभियान की रुपरेखा तैयार करने, प्रत्याशी चयन, पार्टी नेताओं में समन्वयन बनाने और वचन पत्र को अंतिम रूप देने का काम करेंगे। ऐसे नेता, जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं उन्हें लगातार हारने वाली सीटों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बैठक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बताया कि 190 विस क्षेत्रों में मंडलम और सेक्टर इकाइयां गठित हो चुकी हैं। जिला इकाइयों ने पदाधिकारियों के नाम, मोबाइल नंबर आदि जानकारी भेज दी है। विदिशा के पांच, रीवा के आठ, शहडोल के तीन क्षेत्रों की सूचियों में त्रुटियां हैं, जिन्हें दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, डा. विजयलक्ष्मी साधौ, बाला बच्चन, पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव, लाखन सिंह यादव, लखन घनघोरिया, हिना कांवरे सहित अन्य मौजूद थे। बैठक में कमल नाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के चार साल पूरे होने पर केक काटा गया। साथ ही डा. गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने पर बधाई दी गई।