कोरोना हेल्थ असिस्टेंट को अनुभव के बावजूद नहीं मिल रहा प्रमाण पत्र....
जैसलमेर: राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में कोरोना हेल्थ असिस्टेंट पद का सृजन किया गया। प्रदेश भर में करीब 3500 योग्यताधारी अभ्यर्थियों को संविदा पर लगाया गया। सीएचसी पर इन संविदाकर्मियों को ज्वाइनिंग भी दी गई। कोरोना काल के बाद पद खत्म कर दिए गए हैं। लेकिन सरकार द्वारा नए स्तर से निकाली गई नर्सिंग ऑफिसर व फॉर्मासिस्ट की भर्ती प्रक्रिया में सीएचए के अनुभव को मान्यता देते हुए 15 अंक देने का निर्णय लिया गया है।
इसके बाद पहले सीएचसी, ब्लॉक व उसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया। इतना ही नहीं इस अनुभव प्रमाण पत्र को संयुक्त निदेशक द्वारा प्रतिहस्ताक्षर कर प्रमाणित भी किया गया। इसके बाद यह प्रक्रिया एकबारगी ठंडे बस्ते में चली गई।
सरकार द्वारा दोबारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया
हाल ही में सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें पहले से बने अनुभव प्रमाण पत्रों को फिर से बनाने के लिए सीएमएचओ को निर्देशित किया गया है। लेकिन इस बार सीएमएचओ कार्यालय द्वारा जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्रों में अभ्यर्थियों के साथ दोहरी नीति अपनाई गई है। अभ्यर्थियों को दो तरह के अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए गए है, जिसके बाद सभी अभ्यर्थी अनुभव प्रमाण पत्र में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन अब सीएमएचओ उसमें सुधार नहीं कर रहे हैं।
अमर उजाला के पास सीएमएचओ की दोहरी नीति के प्रमाण पत्र
अमर उजाला के पास जैसलमेर के सीएमएचओ कार्यालय की दोहरी नीति के प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपि है, जिसमें चहेते अभ्यार्थियों को प्रमाण पत्र में अनुभव के लिए हां लिखा है, तो अन्य अभ्यार्थियों के अनुभव कोलम में ना लिख दिया।
चहेतों के प्रमाण पत्र में 'हां' और अन्य में लिखा 'नहीं'
सीएमएचओ कार्यालय द्वारा अब तक दो अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। पूर्व में जारी अनुभव प्रमाण पत्र को वापस जमा करने के बाद अभी दूसरा दिया गया है। हाल ही में जारी हुए अनुभव प्रमाण पत्र में 6.2 कॉलम में 'क्या संपादित कार्य विज्ञापित पद के कार्य (जोब चार्ट) के समान है (पूर्ण गंभीरता से अंकित करे)' यह लिखा है। जिसमें अधिकांश के 'नहीं' व चहेते अभ्यर्थियों के अनुभव में 'हां' लिख दिया है।
पहले बाबू को किया एपीओ, अब बहाल, भूमिका संदिग्ध
भर्ती प्रक्रिया को लेकर ही संयुक्त निदेशक जोगेश्वर प्रसाद द्वारा सीएमएचओ कार्यालय के वरिष्ठ सहायक ताराचंद को एपीओ कर दिया गया था। प्रतिहस्ताक्षर के लिए संयुक्त निदेशक को भेजी गई फाइलें संयुक्त निदेशक कार्यालय में गायब हो गई, जिस पर ताराचंद को एपीओ कर दिया। इसके बाद सभी फाइलें संयुक्त निदेशक कार्यालय में ही मिल गई। इस पर ताराचंद को फिर से बहाल किया।
कार्यालय के बाहर चस्पा किया नोटिस
सीएमएचओ कार्यालय के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें लिखा है कि कोविड स्वास्थ्य सहायक के जारी प्रमाण पत्र के बिंदु संख्या 6.2 में नहीं अंकित किया गया है। उक्त अनुभव प्रमाण पत्र में "हां" अंकित करवाने के लिए इस कार्यालय में प्राथना पत्र प्रस्तुत नहीं करें। कितनी हास्यापद बात हैं कि जो व्यक्ति जिस कार्यालय के अधीन कार्य करता हो, तनख्वाह लेता हो वो व्यक्ति उस कार्यालय से अनुभव प्रमाण पत्र नहीं ले तो कहां जाए?
अंतिम तिथि 11 जून, अभ्यर्थी परेशान
भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 जून है। यानी सिर्फ तीन दिन का समय बचा है। सीएमएचओ कार्यालय से हां होने के बाद ये फॉर्म हस्ताक्षर हेतु संयुक्त निदेशक कार्यालय जोधपुर जाते हैं। सीएमएचओ का कहना है कि इस संबंध में मार्ग दर्शन ले रहे हैं। अभी तक इनके पास मार्गदर्शन ही नहीं है तो तीन दिन में सभी प्रक्रिया पूरा होना दूर की कौड़ी नजर आ रही है। ऐसे में सरकारी नौकरी की आस संजोए बैठे इन अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ होता साफ नजर आ रहा है।