मप्र में बन रहा देश का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क
भोपाल । आज का भारत आबादी के हिसाब से दुनिया का सबसे युवा देश है। हमारे पास 65 फीसदी युवा शक्ति है। किसी भी राष्ट्र की युवा शक्ति उस राष्ट्र के वर्तमान का निर्माण करती है और भविष्य के लिए रास्ता प्रशस्त करती है। युवाओं को उत्तम शिक्षा के साथ ही नित नई तकनीक और कौशल विकास हमारे विश्वगुरू बनने के संकल्प को साकार कर सकता है। 7 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर जिस 'कौशल भारत मिशन' की शुरुआत की थी, आज वह देश के युवाओं के लिए विकास और उन्नति के द्वार खोल रहा है। युवाओं को शिक्षा और उनके स्किल डेवलमेंट की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार ने एक सशक्त पहल की है। मध्य प्रदेश में युवाओं की शक्ति, साहस और असीम ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करने के उद्देश्य से उन्हें हुनरमंद बनाया जा रहा है। बिजनेस हो या बाजार, शिक्षा हो या स्वास्थ्य, गांव हो या शहर हर जगह ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो स्किल्ड हों। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर उनके हाथों में हुनर देने पर अधिक जोर दिया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में नवम्बर 2020 से अब तक 28 हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पूरे देश में आज लगभग ढाई हजार कौशल भारत केन्द्र और 15 हजार प्रशिक्षण केन्द्र हैं जहां, हर साल लगभग 1 करोड़ युवा कौशल प्रशिक्षण लेकर अपने जीवन को नई दिशा दे रहे हैं।
भोपाल में भारत का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क
प्रदेश के युवाओं के हुनर को निखारने और उनके सपनों को पंख देने के लिए भोपाल के नरेला शंकरी में देश का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क आकार ले रहा है। करीब 1 हजार 548 करोड़ रुपये की लागत से सिंगापुर के तकनीकी परामर्श एवं सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण 30 एकड़ क्षेत्र में हो रहा है। इस परियोजना के लिये एडीबी से 967.50 करोड़ का कर्ज मिला है जबकि, मध्य प्रदेश सरकार 580.50 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। परियोजना के अंतर्गत दिसम्बर, 2022 के पहले ही यह विश्वस्तरीय स्किल पार्क बनाने का संकल्प है। राज्य सरकार का सपना है कि बच्चों के हाथ में इतना हुनर आ जाए कि उन्हें रोजगार आसानी से मिल जाए। ग्लोबल स्किल पार्क के प्रारंभ में 6 हजार युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा, बाद में हर साल करीब 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोडऩे का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है। ग्लोबल स्किल पार्क में प्रशिक्षण के लिये जो ट्रेड तय किये गये हैं, उनमें मेकाट्रोनिक्स, मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, पॉवर एंड कंट्रोल, नेटवर्क एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग, मैकेनिकल एण्ड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज, ऑटोमोटिव, मैकेनिकल टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और प्रिसिजन इंजीनियरिंग (ग्लोबल स्किल्स पार्क सिटी कैंपस में संचालित) शामिल हैं।
जनजातीय युवाओं को विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण
जनजातीय युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार तेजी से कार्य कर रही है। जनजातीय युवाओं के कौशल विकास के बेहतरीन इंतजाम करने के लिए क्रिस्प और एनएसडीसी के बीच एमओयू भी हुआ है, जिससे ग्रामीण जनजातीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस अनुबंध में क्रिस्प, युवा विकास सोसायटी एवं एनएसडीसी के सहयोग से संसदीय संकुल परियोजना में ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण का क्रियान्वयन किया जायेगा। एनएसडीसी के सहयोग के साथ ग्रामीण उद्यमी परियोजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश में किया जायेगा, जिसमें 22 हजार 811 पंचायतों में से हितग्राहियों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन्हें स्व-रोजगार से जोड़ा जायेगा। इससे ग्रामीण युवाओं को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाने से पलायन की प्रवृत्ति रूकेगी। प्रदेश का युवा शिक्षा के साथ-साथ जरूरत के मुताबिक कौशल भी प्राप्त कर सके, इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश में नए प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा केन्द्र खोले हैं। ग्रामीण स्तर पर भी युवाओं को 'ग्रामीण उद्यमी योजना' के तहत प्रशिक्षित कर 91 हजार से अधिक ग्रामीण उद्यमी तैयार किये जाएंगे। प्रदेश की 22 हजार 800 पंचायतों में 4-4 युवकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाना है। आज प्रदेश का युवा कौशल के दम पर स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। उद्यम क्रांति योजना हो या मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्ट अप नीति हो, पिछले तीन महीनों में ही लाखों युवा अपना व्यापार शुरू कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।