कुदरत के कहर से बर्बाद हो गई फसलें, बाढ़ ने चीन को कर दिया कंगाल
बीजिंग । चीन में इन दिनों कुदरत का भीषण कहर बरप रहा है। यहां पर जलवायु परिवर्तन की वजह से पहले भयंकर सूखे और गर्मी की मार झेलनी पड़ी थी। अब चीन में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने हलाकान कर रखा है। बताया जा रहा है कि यहां पर आए तूफान डोकसूरी की वजह से भीषण बारिश हो रही है। जिसके चलते बीजिंग और उसके आसपास के इलाके बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ की वजह से चीन के कई इलाकों की फसल पानी में बह गई है। जानकारी बता रहे हैं कि यहां पर अब स्थिति ऐसी बनने जा रही है कि चीन ने आने वाले दिनों में खाने के अनाज के लाले पड़ने वाले हैं। चीन का पूर्वी और उत्तरी हिस्सा काफी उपजाऊ है, लेकिन इस समय भीषण बाढ़ की वजह से सभी इलाके बाढ़ में डूबे हैं। अभी तक 10 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं जबकि 30 लोगों की मौत की खबर है।
यहां पर आई भीषण बाढ़ में कई लोग लापता हो गए हैं, जिन्हें तलाशा जा रहा है। यहां का हेबई प्रांत बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित बताया जा रहा है। ये चीन का सबसे उपजाऊ इलाकों में गिना जाता है। चीन के तीन प्रांत जो यहां के कृषि की लाइफ लाइन हैं उनमें हेइलोंगजियांग, जिलिन और लियाओनिंग, ये सभी इलाके अभी बाढ़ में डूबे हुए हैं। यहां उगाई जाने वाली तीन प्रमुख फसलें सोयाबीन, मक्का और चावल हैं। लेकिन बाढ़ की वजह से फसलें बर्बाद हो गईं हैं। जानकारी के अनुसार जिलिन प्रांत में 14 लोगों की बाढ़ से मौत हो चुकी है जबकि 18 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। वहीं हेइलोंगजियांग 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले फसल बाढ़ में बह गए हैं।
यहां पर चावल और सब्जियां पूरी तरह तबाह हो गईं हैं। हेइलोंगजियांग की राजधानी से सटे शांगजी में भी 42,575 हेक्टेयर में फैले फसल तबाह हो गए हैं। वहीं, वुचांग, जो चावल के उत्पादन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, वहां बाढ़ से तबाही का अभी आकलन किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल भीषण गर्मी की वजह गेहूं का उत्पादन पहले तबाह हो चुका है। अब भारी बारिश की वजह से चावल की फसल भी बर्बाद हो चुकी है। चीन के कृषि मंत्रालय ने भी कहा है कि देश का कृषि उद्योग पूरी तरह से तबाह हो चुका है।