दलित महिला के साथ किया दुष्कर्म, फिर की हत्या....
बीकानेर में दलित महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में राज्य सरकार ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इसे लेकर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को पूरे देश में शर्मसार किया है। गहलोत सरकार नहीं यह शर्मसार सरकार है। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहली और आखिरी प्राथमिकता सिर्फ अपनी कुर्सी सुरक्षित रखना है। इसके चक्कर में उन्होंने पूरे प्रदेश की कानून-व्यवस्था दांव पर लगा दी है।
दरअसल, बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित महिला के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आया है। इसमें दो पुलिसकर्मी आरोपी हैं। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। 20 साल की महिला से रेप कर उसे मारकर फेंक दिया गया। इस घटना के बाद एसपी तेजस्विनी गौतम मौके पर पहुंच गई है। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर बुलाई गई है। दो पुलिस कांस्टेबल के नाम शिकायत में सामने आए हैं, जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। खाजूवाला कस्बे में मंगलवार दोपहर को एक मकान में युवती का शव मिला है। मृतक युवती के परिजनों ने जिन युवकों पर शक जताया उन्हें पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। खाजूवाला पुलिस थाने के कांस्टेबल मनोज और भागीरथ पर आरोप हैं कि वे एक अन्य युवक के साथ दलित महिला को एक कमरे में ले गए और गैंगरेप करने के बाद मर्डर कर दिया। इस घटना के बाद मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भी पुलिस अधिकारियों से टेलीफोन पर बातचीत की है। पूर्व विधायक विश्वनाथ मेघवाल भी अपना ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा छोड़कर खाजूवाला पहुंच गए हैं।
भाजपा हुई हमलावर
इस मसले पर सीपी जोशी ने कहा कि 'थोथा चना, बाजे घना' के आधार पर काम करने मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, सदैव अपनी कुर्सी की सुरक्षा में लगे रहते हैं। उन्हें प्रदेश के लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से कोई मतलब नहीं है। दलित महिला से बलात्कार कर उसकी हत्या कर देना और दो पुलिस कांस्टेबलों का इसमें नामजद आरोपी होना, कांग्रेस सरकार के लिए और भी गंभीर विषय को प्रदर्शित करता है कि सरकार कितने निकम्मेपन से चलाई जा रही है, जिसमें रक्षक ही भक्षक बना हुआ है। वहीं सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहली और आखिरी प्राथमिकता सिर्फ अपनी कुर्सी सुरक्षित रखना है, जो वह साढ़े 4 साल से कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार की लड़ाई में अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखने के चक्कर में पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था अशोक गहलोत ने दांव पर लगा दी है।