सुविधाओं के बावजूद राजधानी के स्कूल सबसे फिसड्डी
भोपाल । प्रदेश के भोपाल जिले के शासकीय स्कूलों में 300 से ज्यादा अतिशेष शिक्षक और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके बावजूद भोपाल जिले की रैंकिंग नहीं सुधरी है। नतीजा यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग के रिपोर्ट कार्ड में भोपाल जिले की पीछे से दूसरे नंबर की रैंक आई है। प्रदेश के 52 जिलों में भोपाल को 51 वां स्थान मिला है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता, नामांकन और मूलभूत सुविधाओं में छतरपुर जिले को पहला, बालाघाट को दूसरा और छिंदवाड़ा को तीसरे स्थान प्राप्त हुआ है। इसी तरह संभाग की ग्रेडिंग में सागर संभाग को पहला, जबलपुर संभाग को दूसरा और नर्मदापुरम को तीसरा स्थान मिला है। इन सभी जिले व संभाग के स्कूलों को ए-ग्रेड मिला है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से आठवीं तक के लिए सत्र 2022-23 में पहली तिमाही का जिला रिपोर्ट कार्ड गुरुवार को जारी किया। इसमें जून, जुलाई और अगस्त में संपादित हुए हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर दिए गए है। जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित कर शिक्षा पोर्टल पर अपलोड की गई है। पिछली रैंकिंग की तुलना में निवाड़ी जिला 31 पायदान की छलांग लगाते हुए 10वां स्थान प्राप्त किया है। वही गुना ने पिछली रैंकिंग 51 में सुधार करते हुए इस बार 22वीं रैंक प्राप्त की है। भोपाल जिले पिछले बार 35 वें स्थान पर था। इस बार पीछे खिसकर 51वें स्थान पर पहुंच गया है। जिलों की ग्रेडिंग में भोपाल को 62.30, इंदौर को 67.19, ग्वालियर को 68.64 व जबलपुर को 69.68 प्वाइंट मिला। सभी बड़े शहरों के स्कूल 60 से 74 अंक ला पाए और इनका प्रदर्शन संतोषजनक रहा और सभी को बी ग्रेड मिला है। प्रदेश के 52 जिलों में से 15 को ए ग्रेड, 35 जिलों को बी ग्रेड और रतलाम जिले का सबसे खराब प्रदर्शन यानी सी ग्रेड मिला है। रिपोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं। जिनमें जिलों की रिपोर्ट और रैंकिंग बनाई गई है। इनमें मुख्यत: बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, सीखने का प्रतिफल, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियां, शिक्षकों का क्षमता संवर्धन, विभिन्न मूल्यांकनों में स्कूलों का प्रदर्शन, समानता, अद्योसंरचना एवं भौतिक सुविधाएं और सुशासन प्रक्रियाएं, समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम एवं गतिविधियों आदि को छह मुख्य भागों में बांटा गया है। जिसमें कुल 32 सूचकांक शामिल हैं। इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस का कहना है कि जून, जुलाई और अगस्त माह में जिलों के स्कूलों में संपादित हुए हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर दिए गए है। जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित कर शिक्षा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। कुछ जिलों ने पिछली रैंकिंग के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। हर तीन माह में रैंकिंग जारी की जाएगी।