भोपाल । प्रदेश में पटवारियों को मिलने वाले वेतन भत्ते के भुगतान में अनियमितता से पटवारी नाराज हैं। विरोध में जल्द ही प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी है। पटवारियों का कहना है कि फरवरी से वेतन भत्ते की राशि सभी जिलों में पटवारियों को नहीं मिल रही है। इसके विरोध में मुरैना जिले के कैलारस तहसील के पटवारियों ने तो प्रशासनिक अफसरों द्वारा बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप्स का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। राजस्व महाभियान के दौरान यह दूसरा मौका है जब पटवारी विरोध में आए हैं। इसके पहले निवाड़ी में कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा द्वारा एक तहसीलदार को डांटने के बाद उसके बीमार पडऩे पर पटवारी विरोध में आए थे।
मुरैना जिले की कैलारस तहसील के पटवारियों से तहसीलदार और कलेक्टर की व्यवस्था से नाराज होकर सोशल मीडिया के ग्रुप छोड़ दिए हैं और सीनियर अफसरों के आदेश को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पटवारियों के इस विरोध का असर राज्य सरकार के राजस्व महाभियान में भी पड़ रहा है।

तहसीलदार, एसडीएम से जताया विरोध


मुरैना जिले में तहसील कैलारस के पटवारियों ने अपने वेतन, एरियर, भत्ते, समयमान वेतनमान, इंक्रीमेंट एवं अन्य समस्याओं का समाधान न होने पर शासकीय ग्रुपों से लेफ्ट होकर बहिष्कार किया है। पटवारी संघ कैलारस के अध्यक्ष कृष्ण कुमार मुद्गल ने बताया कि तहसील कैलारस के समस्त पटवारियों की वेतन व एरियर सम्बंधी समस्याएं वर्षों से लंबित पड़ी हैं लेकिन उनका तहसीलदार कैलारस द्वारा कोई भी निराकरण नहीं किया गया है। एसडीम सबलगढ़ को भी ज्ञापन के माध्यम से अपने वेतन, एरियर, भत्ते सम्बंधी समस्याओं से कई बार अवगत कराया लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकला। एसडीएम सबलगढ़ व तहसीलदार कैलारस ने पटवारियों से चर्चा के दौरान सभी को मीटिंग हॉल से बाहर निकाल दिया और कहा कि किसी भी पटवारी को वेतन एरियर भत्ते एवं समस्याओं का कोई भी समाधान नहीं होगा।

सोमवार से सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी


यहां के पटवारियों का कहना है कि शुक्रवार तक पटवारियों की समस्या का समाधान न होने पर तहसील कैलारस के समस्त पटवारी सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे। इसके पहले जुलाई के दूसरे सप्ताह में पटवारियों और तहसीलदारों ने निवाड़ी कलेक्टर के विरोध में हड़ताल की थी और काम बंद कर दिया था। कलेक्टर द्वारा एक तहसीलदार को फटकार लगाने के बाद उसके बीमार होने पर यह नाराजगी जताई गई थी। पटवारियों का कहना है कि सीएम डॉ मोहन यादव के कार्यकाल में पटवारियों को 5 महीनों से वेतन भत्तों के लाले पड़े हैं। प्रदेश के किसी भी पटवारी को इन 5 महीनों के संपूर्ण वेतन भत्ता प्राप्त नहीं हो रहा है।