प्रदेश में घरेलू बिजली हुई 6 पैसे महंगी
भोपाल । मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को चुनावी साल में बिजली का करंट लगा है। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में 1.65 प्रतिशत की वृद्धि को स्वीकार किया है। इसमें घरेलू, कृषि और बड़े उद्योगों के ऊर्जा प्रभार और नियत प्रभार में वृद्धि की है। आयोग की तरफ से घरेलू टैरिफ में प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार में 6 पैसे और 100 यूनिट पर नियत प्रभार में तीन रुपए की बढ़ोतरी की है। वहीं, कृषि कनेक्शन पर प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार में 10 पैसे और नियत प्रभार में दो रुपए प्रति हास पॉवर बढ़ाए है। इसी प्रकार बड़े उद्योगों के लिए भी 11 किलोवॉट पर प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार 10 पैसे और नियत प्रभार पर 12 रुपए प्रति किलोवॉट इजाफा किया है। नए दरें 5 अप्रैल से लागू होगी।
यदि घरेलू कनेक्शन में आप 100 यूनिट प्रति माह खपत करते है। इसके लिए वर्तमान में आपको ऊर्जा प्रभार 4 रुपए 21 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार 468 रुपए लगता है। अब 6 पैसे की वृद्धि के बाद आपको 4 रुपए 27 पैसे के अनुसार 475 रुपए देना होगा। वहीं, नियत प्रभार 100 यूनिट पर 121 रुपए है, जो अब 124 रुपए लगेगा। यानी अब 589 की जगह 599 रुपए देना होगा। नियत प्रभार और ऊर्जा प्रभार में 10 रुपए ज्यादा लगेगे। उपरोक्त् टैरिफ के अलावा 34 पैसे प्रति यूनिट ईधर प्रभार समायोजन अतिरिक्त देय है। इसके अलावा टैरिफ में 9 से 12 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी भी अतिरिक्त देय है। बता दें सरकार 100 यूनिट बिजली खपत पर 554 रुपए सब्सिडी देती है।
आयोग ने राजस्व अंतर 795 करोड़ माना
आयोग के सामने विद्युत कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 49 हजार 530 करोड़ सकल राजस्व की आवश्यकता बताई। साथ ही विद्युत दर पर 1537 करोड़ रुपए के घाटे को भरने के लिए 3.20 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया। कंपिनयों की तरफ से 2021-22 की सत्यापन याचिका में राजस्व अंतर 3276 करोड़ का दावा किया गया। आयोग ने कंपनियों के 1648 करोड़ के घाटे को ही स्वीकार किया। साथ ही 2023-24 के लिए विद्युत दर में राजस्व अंतर 795 करोड़ रुपए को मान्य किया गया।
यह बढ़ोरी उद्योगों के लिए हानिकारक
मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आयोग द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं, कृषि उपभोक्ताओं और उच्च दाब उपभोक्तओं की दरों में वृद्धि की गई है, जो कि अन्य प्रदेशों में पहले ही अत्याधिक ज्यादा टैरिफ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उद्योगों के लिए हानिकारक होगा।