मानसून से पहले ख्ेातों की साफ-सफाई और जुताई मे लगे किसान
मोहखेड़ । गर्मी के अंतिम दौर के चलते किसान खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं। तेज हवा के साथ मौसम परिवर्तन होते ही किसान खरीफ फसलों की बोवनी के लिए खेतों की मेढ़ को ठीक करने और साफ-सफाई में लगे हैं। मौसम भी इस समय सुहावना है। बादलों से आसमान घिरा हुआ है। बादलों के जमावड़े को देखते हुए किसान वर्ग सचेत हो गया है। विकासखंड सर्वाधिक सोयाबीन उत्पादन ब्लाक माना जाता है।क्षेत्र में सोयाबीन का उत्पादन किसान बडे स्तर पर करते हैं। ब्लाक के किसान इन दिनों खेतों में हकाई-जुताई का कार्य कर रहे हैं। साथ ही किसान खाद, बीज की खरीदी भी कर रहे हैं। देसी खाद का प्रयोग करने वाले किसान खेतों में खाद डाल रहे हैं। किसान बोवनी के साधनों को तैयार करने में लगे हैं। जून से ही अच्छी बारिश होने की संभावना रहती है। ऐसे में किसान आधुनिक साधनों से बुवाई की तैयारी में लगे हैं। इन दिनों अपने आधुनिक साधन सीड्रिलो को सुधारने में लगे हैं। इस समय किसान अपने खेत पर पहले बुआई की करने की बात ट्रैक्टर मालिकों से कर रहे हैं। ट्रैक्टर मालिक भी इन दिनों अपने साधनों को ठीक करने में लगे हैं। किसान पंजाबराव डिगरसे, शंकर पाठे, भाउराव सोनी ने बताया कि मानसून के अनुसार बोवनी करते है। हर साल 15 जून से बारिश का मौसम शुरू हो ही जाता है। यह समय बोवनी के लिए सही माना जाता है।
मोहखेड ब्लाक के अधिकांश गांवो के किसान टमाटर और मिर्च की खेती करते हैं। ऐसे में कई किसान समय से पहले टमाटर, मिर्च के रोप (पौधे) तैयार करते हैं। सारंगबिहरी के किसान रामदास डिगरसे के ने बताया कि टमाटर-मिर्च के रोप तैयार हो रहे है। यह समय रौप के लिए सही है। बारिश के बाद खेत में नमी को देखते हुए रोप लगाए जाएंगे। अब वे मल्चिंग खेतों में बिछाने के साथ खेतों में पाला चढ़ाने का कार्य कर रहे है।
किसान खेतों में गोबर के देशी खाद का प्रयोग भी कर रहे हैं। जामली के किसानों ने बताया कि देशी खाद जमीन की उर्वरा क्षमता को बढाता है। इससे फसल के ग्रोथ में सहायता मिलती है। ग्रामों में पशुपालन के चलते देशी खाद की उपलब्धता रहती है। किसान देशी गोबर का खाद खेतों में डालने का कार्य कर रहे हैं। वहीं गांवों में छोटे किसान अब भी बैलों और पुराने संसाधनों से खेती करते हैं। इस दौरान किसान खेतों में साफ -सफाई के साथ मेढ बांधने की तैयारी, बारिश के पानी को खेत से बाहर करने की तैयारी में लगे है। सारी तैयारी के बाद अब केवल इंद्रदेव की मेहरबानी की आस है।