भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में मनाया गया पहला अंतरिक्ष दिवस
भोपाल : प्रदेश के स्कूलों में आज राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूलों में व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये गये। वर्ष 2023 में 23 अगस्त को चंद्रयान-3 विक्रम लेंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सफलतापूर्वक उतारा गया था। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रति वर्ष इस दिन को अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी परिप्रेक्ष्य में आज अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी किये थे।
सुभाष एक्सीलेंस स्कूल
भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। सुभाष स्कूल की प्रात: कालीन सभा में वरिष्ठ शिक्षक एकता पाठक, सीमा माथुर और दीवान सिंह ने बच्चों को वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से श्यामला हिल्स स्थित रीजनल साइंस सेंटर में हुए कार्यक्रम से जोड़ा। कार्यक्रम के माध्यम से मुंबई के डिपार्टमेंट ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के ख्याति प्राप्त सेवानिवृत्त वैज्ञानिक प्रो. मयंक वाहिया ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम अतीत, वर्तमान एवं भविष्य विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी बच्चों को दी। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान में लगातार शोध हो रहे हैं। इस क्षेत्र में युवाओं को अच्छे मौके मिलेंगे। इसके लिये बच्चों को इस विषय में अभी से तैयारी करना चाहिए।
शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान
भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राज्य शिक्षा केन्द्र से 160 मास्टर ट्रेनर्स और राज्य शोध समूह के 10 एसआरजी ने अपनी सहभागिता की। कार्यक्रम में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बताया किया गया अंतरिक्ष विज्ञान का उपयोग अब दुनिया में कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। सेटेलाइट के माध्यम से हर विषय की जानकारी शीघ्रता से सभी संबंधित समूहों तक पहुंचाई जा रही है। इससे व्यक्ति का जीवन सरल हुआ है। प्रतिभागियों को बताया गया कि सेटेलाइट से प्राप्त खनिज की खोज, मौसम सहित प्राकृतिक आपदा से संबंधित जानकारी का उपयोग महत्ता के साथ किया जा रहा है। स्कूलों में हुए कार्यक्रम में बच्चों ने अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित सवाल शिक्षकों से पूछे जिनका समाधान किया गया।