चक्रवाती तूफान के कारण मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह
मुंबई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र और इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका के मद्देनजर मंगलवार को चेतावनी जारी कर मछुआरों से उन क्षेत्रों में नहीं जाने को कहा जो इससे प्रभावित हो सकते हैं। विभाग ने ट्विटर पर कहा कि पूर्वोत्तर अरब सागर और उत्तरी गुजरात तट पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है और इसकी रफ्तार 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। उसने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी), मुंबई के प्रमुख सुनील कांबले ने कहा, “ कम दबाव का क्षेत्र हमारे तट से 1,000-1,100 किलोमीटर दूर है, इसलिए फिलहाल हमारे तट पर इसका प्रभाव कम है। जैसे-जैसे चक्रवात आगे बढ़ेगा, इसके उत्तर की ओर जाने की संभावना है और उस समय हम अपने तट पर इसके प्रभाव को देख पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र पर विचार करते हुए मछुआरों और जहाजरानी एजेंसियों को अलर्ट और चेतावनी जारी की गई हैं। अधिकारी ने कहा, “ अभी कम दबाव के क्षेत्र के कारण हवा की गति 50 समुद्री मील से अधिक हो सकती है, लेकिन रफ्तार इससे ज्यादा होने पर हवा मछुआरों के लिए खतरनाक हो सकती है। अरब सागर में चक्रवात के मंद पड़ने तक चेतावनी जारी रहेगी।”
विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे कम दबाव का क्षेत्र गोवा से 950 किलोमीटर दूर, मुंबई से 1100 किलोमीटर दूर, पोरबंदर से 1190 किलोमीटर तथा पाकिस्तान में कराची से 1490 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित था।