भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने हनुमा विहारी को किया सपोर्ट, कहा.....
रणजी ट्रॉफी 2024 से आंध्र क्रिकेट टीम का सफर खत्म हो चुका है। आंध्र क्रिकेट टीम सेमीफाइनल के लिए प्रवेश नहीं कर सकी। मध्य प्रदेश ने आंध्र को 4 रन से मात दी और सेमीफाइनल का टिकट कटवाया था। इस बीच आंध्र टीम के कप्तान हनुमा विहारी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया।
आंध्र टीम पर हनुमा ने गंभीर आरोप लगाए थे और कहा कि वह कभी भी आंध्र टीम के लिए नहीं खेलेंगे। इसके बाद एसीए ने उनके आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा था कि हनुमा के व्यवहार के चलते साथी खिलाड़ियों ने अपशब्द कहने को लेकर उनकी शिकायत दर्ज कराई थी। इस कड़ी में भारतीय टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा हनुमा विहारी के सपोर्ट में उतरे है।
आकाश चोपड़ा ने हनुमा विहारी को किया सपोर्ट
दरअसल, भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि सिर्फ एक ही को गलत ठहराने से अच्छा है कि दोनों तरफ को जिम्मेदार ठहराओ। हनुमा कोई आम प्लेयर नहीं, क्योंकि उन्होंने आंध्र प्रदेश टीम के लिए एक हाथ में फ्रैक्चर होने के कारण एक ही हाथ से खेला।
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा कि उनकी जर्नी अविश्वसनीय रही है। उन्होंने आंध्रा को क्वॉलिफाई करने में मदद की है। उन्होंने टीम एक साथ रखने में अहम भूमिका निभाई। मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है, चाहे वह सिडनी मैच हो जहां उन्होंने हैमस्ट्रिंग इंजरी के साथ खेला और अपना करियर दांव पर लगा दिया और फिर उन्होंने आंध्रा के लिए एक हाथ से बल्लेबाजी की। मैं वास्तव में हनुमा विहारी की बातों पर विश्वास करना चाहूंगा।
हनुमा विहारी ने एसीए पर लगाए ये गंभीर आरोप
इससे पहले हनुमा विहारी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि इस पोस्ट के जरिए मैं कुछ तथ्य लोगों के सामने रखना चाहता हूं। बंगाल के खिलाफ पहले मैच में मैं कप्तान था। उस मैच के दौरान 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता है) उनसे शिकायत की। बदले में उसके पिता ने संघ को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।
हनुमा ने आगे कहा था कि हमारी टीम ने पिछले साल फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन मुझे बिना किसी गलते के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया मुझे इससे बहुत बुरा लगा। मैं निजी तौर पर प्लेयर को कुछ नहीं कहा, पर एसोसिशन को पिछले साल अपनी जी-जान लगाने वाले खिलाड़ी, आंध्र को पिछले 7 सालों में 5 बार नॉकआउट में पहुंचाने वाले प्लेयर और भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेल चुके खिलाड़ी से ज्यादा महत्वपूर्ण वो प्लेयर लगा।