पूरे उत्साह और उल्लास से इस साल मनेगा गणेशोत्सव
मूर्तिकारों को मिले दोगुने ऑर्डर
छोटी प्रतिमाओं का निर्माण भी हजारों में
भोपाल । पिछले 2 साल से कोरोना की मार झेल रहे मूर्तिकारों के लिए यह साल सौगात बनकर आया है। इस साल गणेशोत्सव को लोगों ने पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाने का निश्चय किया है। इस बात का सबूत मूर्तिकारों को मिले प्रतिमाओं के ऑर्डर हैं। कोरोना काल के पहले मिलने वाले ऑर्डर की तुलना में इस साल मूर्तिकारों को प्रतिमाओं के अब तक 2 गुने ऑर्डर मिल चुके हैं। राजधानी में पिछले डेढ़ महीने से बंगाली कारीगर मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। अब तक कई कारीगरों को 500 से ज्यादा प्रतिमाओं के ऑर्डर मिल चुके हैं। जून के पहले सप्ताह से प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो गया है। इस मान से देखें, तो डेढ़ महीने में ही इतने ऑर्डर मिलना मूर्तिकारों के लिए सुखद संकेत है। प्रतिमाओं को बनाने के लिए हर साल मई आखिरी में बंगाल से मूर्तिकार आते हैं और ये सरस्वती पूजन (वसंत पंचमी) के लिए बनने वाली प्रतिमाओं के निर्माण के लिए जनवरी तक यहीं रूकते हैं।
गणेशोत्सव को लेकर उत्साह
मूर्तिकारों के मुताबिक, कोरोना काल में तो प्रतिमा बनाने का काम बेहद कम रहा, लेकिन इस साल गणेशोत्सव को लेकर उत्साह इस कदर है कि पिछले कई सालों की तुलना में प्रतिमाओं के ऑर्डर दोगुने हो चुके हैं और हर दिन ऑर्डर मिलते ही जा रहे हैं, जिससे कि इन कारखानों में अलसुबह से देर रात तक काम चल रहा है। अगले हफ्ते से पहले चरण में मिले ऑर्डर की प्रतिमाओं को रंगने और सजाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इन्हीं पंडालों में 5 इंच से डेढ़ फीट तक की प्रतिमाएं भी बनाई जा रही हंै। मिट्टी की यह प्रतिमाएं, जहां 2 साल पहले तक करीब 2000 बनाई जा रही थीं, इस साल मांग के चलते इनकी संख्या भी 12 हजार तक पहुंच गई है। इसके लिए बंगाल से मूर्तिकार भी बुलाए जा रहे हैं।
दोगुनी ऊंचाई की प्रतिमाओं की मांग
मूर्तिकारों ने बताया कि भोपाल के साथ ही आसपास के शहरों से 20 फीट की प्रतिमा के ऑर्डर भी हैं, लेकिन उसे बनाना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि फिर प्रतिमा को ले जाने में समस्या आती है, इसलिए 3 फीट से लेकर 18 फीट तक की प्रतिमाएं ही बनाई जा रही हैं। खास बात ये है कि लोग 2 साल बाद इतने उत्साह में हैं कि पहले 5 से 6 फीट की प्रतिमाएं बनवाते थे, अब वही लोग 12 फीट तक की प्रतिमाओं का आर्डर दे रहे हैं। उनका कहना है कि 2 साल बाद मौका मिला है। इस बार बप्पा के स्वागत-सत्कार और गणेशोत्सव में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।