ग्वालियर लोकसभा सीट का घमासान
कुशवाह मोदी भरोसे, पाठक को जातिगत समीकरण से आस
भोपाल । प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बीच भाजपा को को कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को चुनाव मैदान में उतारा है। वे ग्वालियर ग्रामीण सीट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को मौका दिया है। पाठक को भी ग्वालियर दक्षिण सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर कुशवाह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा कर रहे हैं। वहीं, पाठक को जातिगत समीकरण पर भरोसा है। हालांकि, पार्टी में टिकट की दावेदारी कर रहे नेता उनसे नाराज चल रहे हैं। फिर भी पाठक कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
ग्वालियर सीट पर सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति के मतदाता हैं। इस सीट पर अनुसूचित जाति के लिए चार लाख के करीब मतदाता हैं। दो लाख क्षत्रिय, दो लाख गुर्जर, दो लाख यादव, डेढ़ लाख अनुसूचित जनजाति, डेढ़ लाख करीब मुस्लिम और तीन लाख के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं। इस सीट पर बड़ी संख्या में कुशवाह वोटर भी हैं। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी को उम्मीद है कि ब्राह्मण के साथ ही मुस्लिम, गुर्जर, आदिवासी जनजाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाता उनको वोट देंगे। वहीं, कुशवाह को मोदी फैक्टर, केंद्रीय योजनाओं पर भरोसा है। साथ ही जातिगत मतदाताओं को साधने के लिए उनके अनुसार नेताओं को प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
2007 से भाजपा का कब्जा
ग्वालियर संसदीय सीट पर 2007 से भाजपा का कब्जा है। यहां पर 2007 का उपचुनाव और 2009 का चुनाव यशोधरा राजे सिंधिया जीती। इसके बाद 2014 में नरेंद्र सिंह तोमर और 2019 में विवेक शेजवलकर ने चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के अशोक सिंह को 1.46 लाख वोट से चुनाव हराया था। इस बार भाजपा ने विवेक शेजवलकर का टिकट काट कर भारत सिंह कुशवाह को मैदान में उतारा है। उनके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव की रणनीति बना रहे हैं।
आठ विधानसभा सीटों में से चार कांग्रेस के पास
ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें चार सीट भाजपा और चार सीट कांग्रेस के पास है। ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर पूर्व, डबरा, पोहरी सीट पर कांग्रेस और ग्वालियर, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार, करेरा सीट भाजपा के पास है।