मध्यप्रदेश में निर्यात और विदेशी पूंजी निवेश की विपुल संभावनाएं
भोपाल : मध्यप्रदेश में निर्यात की विपुल संभावनाएं हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित करना जरूरी है। मध्यप्रदेश की व्यापार संबंधी नीतियों में निर्यात पर फोकस करने की आवश्यकता है। यह विचार आज यहां मध्यप्रदेश पीएचडी शोध - 2022 में भाग ले रहे रिसर्च स्कालर्स ने व्यक्त किये। उन्होने व्यापार उद्योग वित्तीय समावेश और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था पर विस्तार से अपने रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत किये। इसका आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान एवं प्रशासन अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। शोधार्थियों ने वित्त प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, ई-कॉमर्स, श्रम की भागीदारी, स्टाक मार्केट के व्यवहार पर अपने विचार रखे।
आदित्य अग्रवाल ने मध्यप्रदेश स्टार्ट अप के विकास से जुडे विभिन्न आयामों पर चर्चा की। जयति मेहरबानी ने मध्यप्रदेश की विशेष भौगोलिक स्थिति के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में विदेश पूंजी निवेश की संभावनाएं हैं। शैली अग्रवाल ने कहा कि साइबरक्राइम से निपटने के लिए राज्यों को प्रभावी व्यवस्था करनी होगी। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा।
तेजस कुट्टी ने वित्तीय समावेश के संबंध में कहा कि इससे खेती किसानी से जुड़े लोगों को भरपूर फायदा होगा। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के हरदा जिले में हुए वित्तीय समावेश की सफलता का उदाहरण दिया। हर्षवर्धन यादव ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स और नि:शक्त के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा में का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। रूपाली चौरसिया ने मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा की संभावना के संबंध में कहा कि सौर ऊर्जा के अलावा अब कोई विकल्प नहीं है। अमिताभ शुक्ला ने अपने प्रस्तुतीकरण में वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही की चर्चा की। अंशुल माने ने भारतीय स्टॉक मार्केट के संबंध में विचार रखे। निकट शर्मा ने बैंकिंग सेक्टर में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के समन्वय पर अपनी प्रस्तुति दी।
सुश्री नंदा एस दवे पूर्व निदेशक आर.बी.आई., एसोसिएट प्रोफेसर आईआईएफएम श्री आशुतोष वर्मा, डीएवीवी इंदौर की प्रोफेसर डॉ. रेखा आचार्य, आरएनटीयू की डीन डॉ. संगीता जौहरी ने भी अपने विचार रखे।