जयपुर । राजभवन में झारखंड, नागालैंड और असम का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल ने इस दौरान इन राज्यों के निवासियों से संवाद करते हुए उनका राजभवन में अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि राजभवन में राज्यों का स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को प्रत्यक्ष साकार अनुभूत किया जा सके। 
राज्यपाल ने झारखंड, नागालैंड और असम के स्थापना दिवस की चर्चा करते हुए इन राज्यों की संस्कृति, कला और जीवन से जुड़े महति पहलुओं पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति वाला देश है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में राज्यों के नाम और स्थानों के बारे में महत्वपूर्ण प्रसंग है। उन्होंने झारखंड में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा को याद किया और कहा कि आदिवासी धरोहर को संजोए यह देश का प्रमुख राज्य है। उन्होंने नागालैंड के इतिहास और असम की संस्कृति की चर्चा करते हुए इन राज्यों के निवासियों की कलाओं से सीख लेने का भी आह्वान किया।राज्यपाल ने आरंभ में कहा कि राजभवन में राज्यों के स्थापना दिवस के बहाने हम विविधता में एकता की हमारी संस्कृति से रूबरू होते हैं। यही एक भारत श्रेष्ठ भारत है। इससे संस्कृतियों की निकटता होती है।  उन्होंने सभी राज्यों के निवासियों से व्यक्तिगत संवाद कर उनके कार्य के बारे में जाना और राजस्थान के विकास में योगदान का भी आह्वान किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी राज  और प्रमुख विशेषाधिकारी श्री राजकुमार सागर भी मौजूद रहे।