प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
भोपाल । मध्य प्रदेश को केन्द्र सरकार एक बड़ा तोहफा देने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल हवाई अड्डा बनाया जाने के प्रस्ताव पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। यह हवाई अड्डा देवारस जिले के हाट पिपल्या के चापड़ा गांव में बनेगा। यह स्थान राजनैतिक राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच है, जिसकी वजह से इन दोनों ही महानगरों को भी हवाई सुविधा का फायदा मिलेगा। बीतें सप्ताह दो दिनों तक इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की टीम ने इंदौर-बैतूल मार्ग स्थित हाटपिपलिया तहसील के चापड़ा गांव के आसपास की जमीन देखी। वहां दस हजार एकड़ में बनने जा रहा एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा होगा। जिसमें कार्गो व लाजिस्टिक हब भी होगा।
इसी के आसपास तीस हजार एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। जिसमें तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट का निर्माण चापड़ा गांव के आसपास होने से एयरपोर्ट से भोपाल करीब आ जाएगा। वहीं औद्योगिक राजधानी इंदौर भी एयरपोर्ट के बेहद करीब रहेगी। इंदौर के विजयनगर से इसकी दूरी तय की गई है। एयरपोर्ट जिस जमीन पर बनना तय हुआ है, वो जमीन देवास, इंदौर और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के करीब होगी। इसी के चलते इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। ताकि इंदौर और भोपाल देश के लॉजिस्टिक और औद्योगिक हब बन सके। पूरे क्षेत्र में इंट्रीगेटेड प्लानिंग के तहत कार्य होगा। ताकि चारों तरफ विकास हो। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम ने जमीन की योजना को लेकर शासन को प्रस्ताव दे दिया है। इसके बाद अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने स्तर पर जमीन के साथ-साथ बाकी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव व प्रमुख सचिव संजय शुक्ल भी इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से चर्चा भी कर चुके हैं। गत आठ व नौ अप्रैल को एयर इंडिया अथॉरिटी की टीम ने पूरे क्षेत्र का दौरा कर प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा भी की। प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कहां-कहां समतल जमीन है। एयरपोर्ट की जमीन कहां पर होगी इसके नियम बने हुए हैं, उसी हिसाब से आगे कार्य होगा। मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस व प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने पूरे प्रोजेक्ट के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी विस्तार से चर्चा की। प्रशासन ने जमीन वहां खोजी है, जहां न्यूनतम विस्थापन करना पड़े। साथ ही पुराने शहरों को विकसित किया जाएगा, ताकि नए शहर बसाने में होने वाली कठिनाई न आए। पूरे क्षेत्र का विकास इंट्रीगेटेड प्लानिंग के तहत किया जाएगा। जिसमें एयरपोर्ट के साथ लाजिस्टिक हब, कार्गो के साथ बेहतर रेल व रोड कनेक्टिवटी भी होगी। इंदौर-नागपुर हाइवे भी उसी के आसपास से निकल रहा है।
मप्र व इंदौर के बीच बनेगा नया इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तर्ज पर राज्य सरकार ने भोपाल और इंदौर के बीच इकोनॉमिक सुपर कॉरिडोर बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है। कॉरिडोर में स्मार्ट सिटी जैसे छह नए शहर बनाने का प्रस्ताव है। मौजूदा फोरलेन रोड के दोनों ओर आधे से एक किमी के दायरे में कॉरिडोर बनाया जाएगा। कॉरिडोर पर ढाई से तीन लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट के तीन चरण होंगे पहला चरण तीन साल में पूरा होगा, जिसमें ईपीसी मोड (इंजीनियरिंग, प्रिक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) के तहत 2000 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास होगा। इसके बाद पीपीपी अथवा ईपीसी मोड के तहत बाकी के तीन चरणों में आगामी 10 वर्ष तक 2000-2000 हेक्टेयर का विकास होगा। इस टाउनशिप में सीसी रोड, स्मार्ट पार्किंग, ट्रैफिक मानिटरिंग एंड कंट्रोल, वेयरहाउस, तौल चौकियां, ट्रक टर्मिनल, इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, स्काडा, सीसीटीवी सर्विलांस, चौबीस घंटे सिक्यूरिटी, कमर्शियल सेंटर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट व हॉस्पिटल व इंफ्रास्ट्रक्चर की अन्य चीजें शामिल होंगी।