थमने का नाम नहीं ले रहा कावेरी जल विवाद, किसान संघ ने किया प्रदर्शन
तमिलनाडु । इन दिनों कावेरी जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेकर किसान संघ ने एक बार फिर जमकर प्रदर्शन किया है। रविवार को नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन ने त्रिची में एक रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया में आए एक वीडियो में किसान संघ के सदस्यों को रेलवे ट्रैक पर कावेरी जल मुद्दे पर नारे लगाते और विरोध करते हुए देखा जा रहा है। इससे पहले अय्याकन्नू के नेतृत्व में किसान संघ ने 25 सितंबर को त्रिची में विरोध प्रदर्शन किए थे। इसमें लोगों ने मानव कंकाल के कुछ हिस्सों को पकड़कर अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि तमिलनाडु में खड़ी कुरुवाई फसल की खेती को बचाने के लिए कावेरी जल के बंटवारे की मांग की जा रही है। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच चल रही कावेरी जल बंटवारे मुद्दे को लेकर अब कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने अपना बयान जारी किया है। चिदंबरम ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक आयोग है और दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर काम करना होगा।
गौरतलब है कि कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। कावेरी नदी को किसी भी राज्य में लोगों के लिए जीविका के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जाता है। सीडब्ल्यूआरसी ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2023 तक बिलीगुंडलू में 3000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़ना सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इससे पहले, छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 5000 क्यूसेक थी। तमिलनाडु सरकार ने अपने पड़ोसी देश पर पानी की आपूर्ति के बारे में देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार 30 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर करेगी। कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) ने राज्य को 13 सितंबर से 15 दिनों के लिए अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया है, जिसके बाद से पूरे कर्नाटक में किसान लगातार विरोध प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं।