मोदी विपक्षमुक्त भारत चाहते है-सीएम गहलोत
जयपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की राजनीति करने के तौर तरीको पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली एआईसीसी में प्रेस के सामने बड़ा हमला बोला। गहलोत ने कहा भाजपा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने 2014 में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का ऐलान किया करते थे।
गहलोत ने कहा कि अब तो भेदभाव की राजनीति करने में इतना आगे बढ़ गए कि भारत के किसी भी राज में वे भाजपा के अलावा किसी दूसरे दल की सरकार नहीं देखना चाहते है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र के सर्वसर्वा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि इसके लिए वे विपक्षी दलों की चुनी हुई सरकारों को चुन चुन कर निशाना बना रहे है। और शाम दाम दंड भेद की प्रक्रिया अपनाकर भाजपा की सरकार बना रहे है। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से ऐसे वक्त और उम्र में ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ कर रही है गांधी का व्यक्तित्व और कद भारत की राजनीति में छोटा नहीं है उन्होने हर अवसर पर देश के लिए त्याग की भावना अपनाकर रखा। गहलोत ने कहा, सोनिया गांधी जी एक ऐसी नेता हैं, जिन्होंने पूरे देश का दिल जीता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, राजनीति में दुश्मन नहीं होना चाहिए ये लोग विपक्ष को दुश्मन मानते हैं. पहले ये कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे, अब ये विपक्ष मुक्त भारत' चाहते हैं.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ईडी विरोधी दलों की सरकारों को गिराने का एक बड़ा हथियार हो गयी है. इससे घटिया बात कुछ नहीं हो सकती. जांच एजेंसी का दुरुपयोग करके सरकारें गिराई जा रही हैं. पता नहीं ये लोग अपनी अंतरात्मा को कैसे जवाब देते होंगे। गहलोत ने कहा कि देश में भय, घुटन का माहौल है. इसको समझने का प्रयास नहीं किया जा रहा है ये लोग गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि इस परिवार ने देश की आजादी से लेकर देश के निर्माण तक में व्यापक योगदान दिया है, भारत के लिए बलिदान दिया है, लेकिन इन लोगों (भाजपा) का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है ये अमृतकाल मना रहे हैं, इन्हें बताना चाहिए कि आजादी में इनकी विचारधारा के लोगों का क्या योगदान था. राहुल गांधी से हुई पूछताछ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, आज तक मैंने नहीं देखा कि किसी से पांच दिनों तक बुलाकर पूछताछ की जाए. बड़े-बड़े मामलों में ऐसा नहीं होता। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से पूछताछ का मकसद सिर्फ पार्टी के नेताओं और समर्थकों को हतोत्साहित करना है।