प्रदेश में मानसून का सिस्टम बनने लगा
भोपाल । केरल में मानसून के एक्टिव होते ही मानसून की गतिविधियां बढ़ गई हैं। बंगाल की खाड़ी में भी लो-प्रेशर एरिया बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इधर, पाकिस्तान के ऊपर बने सिस्टम का असर भी कम होने लगा है। कहीं गर्मी तो कहीं रिमझिम होने से मानसून का सिस्टम तैयार होने लगा है। मध्यप्रदेश से जा रही ट्रफ लाइन भी खत्म हो गई है। इस कारण मंगलवार को कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि मंगलवार को कुछ इलाकों में हल्की बारिश तो रहेगी, लेकिन नौगांव, दतिया, खंडवा, खरगोन, ग्वालियर और भोपाल में पारा चढ़ेगा। भोपाल में यह 42 डिग्री के आसपास बना रहेगा। इंदौर और उज्जैन में अभी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन यहां पर तापमान ज्यादा नहीं बढऩे से गर्मी से राहत बनी रहेगी। यहां पर यह 39 डिग्री के नीचे ही बने रहेंगे।
अब धीरे-धीरे पाकिस्तान से आने वाली हवाएं कम हो जाएंगी। केरल में मानसून आगे बढऩे से बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बनने लगेंगे। जैसे ही यह लो प्रेशर एरिया में बढ़ोतरी होगी, वैसे ही बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी।
मध्यप्रदेश में मानसून की अधिकारिक तारीख 20 जून है। इस बार समय से पहले मानसून के केरल में पहुंचने के कारण इसके समय ये कुछ पहले आने की संभावना बढ़ गई है। अगर सब कुछ ठीक चला और मानसून आगे बढ़ता है तो यह 20 के पहले मध्यप्रदेश में पहुंच सकता है। मानसून की सही स्थिति 11 जून तक ही साफ हो जाएगी। अभी सिर्फ बंगाल की खाड़ी में गतिविधियां तेज चल रही हैं, अरब सागर में हलचल है, लेकिन कोई मजबूत सिस्टम नहीं है। अगर दोनों से हलचल बढ़ती हैं, तो मध्यप्रदेश में एक साथ जबलपुर और इंदौर के यहां से मानसून की एंट्री हो सकती है।
नौतपा के छटवें दिन पारा पहली बार 44 के पार गया है। देश के 10 सबसे गर्म इलाकों में मध्यप्रदेश के ग्वालियर समेत 3 इलाके शामिल हैं। सबसे ज्यादा गंगानगर में पारा 45 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद ग्वालियर में 44.7 डिग्री रहा।
केरल में मानसून तय दिन से तीन दिन पहले दस्तक दे दी है। 75 साल में 41वीं बार मानसून समय से पहले आया है। पिछली बार मानसून जब समय से पहले आया उनमें से 28 बार यानी 70 फीसदी मौकों पर सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग ने केरल के अधिकांश हिस्सों में मानसून सक्रिय होने की जानकारी दी। इंदौर सहित मालवा में मानसून की आमद 17 जून के बाद होगी। पिछले साल मानसून की बात की जाय तो 12 जून को ही घोषित हो गया था। प्री-मानसून की शुरुआत मई के अंत में ही हो गई थी। इस बार मानसून की हलचल ही नहीं है। 5 जून तक तो मौसम साफ रहने वाला है।