MP की टीचर का ब्लैकमेलर ने न्यूड फोटो बनाए, धमकाता है-रिलेशन बनाओ
गुना मैं गुना की रहने वाली हूं। गुना के ही संजय रजक को मैं शादी के पहले से जानती हूं। वह मेरे मोहल्ले में 4-5 मकान छोड़कर रहता है। 18 साल पहले मेरी शादी ग्वालियर में हुई थी। पति ओडिशा के संबलपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मैं वहां प्ले स्कूल चलाती हूं। शादी के बाद संजय से मेरी कभी बात नहीं हुई। 2019 में एक दिन मेरे पास एक ही नंबर से कई बार फोन आए, लेकिन मैंने नहीं उठाया। बाद में कॉल बैक किया, तो उसने खुद का नाम संजय रजक बताया। इसके बाद कभी कभार उससे नॉर्मल बात होती थी। वह शुरू से ही हर कॉल रिकॉर्ड कर रहा था (जैसा मुझे बाद में पता चला)। वह बार-बार मिलने के लिए बोलता था। कहता- भोपाल आ रहा हूं, वहां मिल लो। ओडिशा आ जाता हूं, लेकिन मैं कभी उससे नहीं मिली। एक दिन उसने वीडियो कॉल किया। उस समय मैं नहा रही थी। मेरे 10 साल के बेटे ने कॉल उठा लिया और मुझे देने आ गया। इतने में ही संजय ने मेरे फोटो खींच लिए। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का दौर शुरू हुआ। संजय फोटो स्टूडियो का काम करता है। उसने फोटो एडिट कर के न्यूड बना लिए। फिर एक दिन एक दूसरे व्यक्ति का कॉल आया। उसने बताया कि तुम्हारे फोटो हमारे पास हैं। हमारे साथ रिलेशन बनाओ और 15 लाख रुपए दो, नहीं तो फोटो वायरल कर देंगे। फिर संजय की पत्नी का कॉल आया। उसने कुछ फोटो भी वॉट्सऐप पर भेजे। वह भी ब्लैकमेल करने लगी। उसने बोला कि तीसरा व्यक्ति कोई और नहीं था। उसने ही आवाज बदलकर मुझसे बात की थी। मुझे लगातार ब्लैकमेल किया जाने लगा। मैं मानसिक रूप से परेशान हो गई। पति को पूरी बात बताई। गुना में महिला थाने में आवेदन दिया। यहां ओडिशा में FIR दर्ज करवाई। इसके बाद और ज्यादा शुरू हो गया। थाने में भी कोई नहीं सुन रहा।
मुझ पर लगातार FIR वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। कहते हैं कि पैसे दे दो, नहीं तो सभी जगह फोटो भेज देंगे। मेरे कुछ रिश्तेदारों को भी फोटो भेज दिए हैं। मैं इतनी परेशान हो गई हूं कि दो बार सुसाइड करने की भी कोशिश की। टेबल रखकर पंखे तक भी पहुंच गई, लेकिन फिर 10 साल के बेटे का चेहरा सामने आ जाता है। इस वजह से रुक जाती हूं। मैं मानसिक रूप से इतनी परेशान हूं कि सोने के लिए नींद की दवाई लेनी पड़ती है। पति भी परेशान हैं। उन्हें चुपके से दूध में नींद की गोली मिलाकर देती हूं, ताकि वो सो सकें। कहीं से कोई मदद नहीं हो पा रही है। पुलिस भी मदद नहीं कर रही। न गुना की और न ओडिशा की। उन लोगों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। रोज फोन करके कहते हैं कि पैसे कब भेज रही हो और कैसे भेज रही हो।