भाजपा को जीताने के लिए करीब 40 स्टार प्रचारक नेता प्रचारत
जयपुर। 15 राज्यों की 48 सीटे जिसमें राज्य की सात सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के सामने साख बचाने का सवाल खड़ा है ऐसे में जबकि 10 माह से राज्य में भाजपा की सरकार है प्रदेश की सात सीटों पर उपचुनाव की वोटिग 13 नवंबर को होगी और 23 नवबर को परिणाम आयेगा कांग्रेस की साख का सवाल भी है क्योंकि प्रदेश की चार विधानसभा झुझुनूं, देवली, रामगढ, दौसा सीटों को पुन: जीतने से जुड़ा है तो 2 सीटें नागौर की खींवसर, चौरासी की डूंगरपुर, आरएलडी, राजकुमार रौत को अपनी पार्टी की साख बचानी है बेनीवाल ने अपनी धर्मपत्नी को चुनाव में उतारा है सातवी सीटें सलूम्बर की भारतीय जनता पार्टी को जीतना ही जीतना है क्योंकि यहां से भाजपा के ही उम्मीदवार मीणा जीते थे और अब उनकी धर्मपत्नी को भाजपा कमल सिम्बल लड़ा रही है वैसे भाजपा और कांगे्रस दोनो दलों ने सभी सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे है किसी का किसी से गठबंधन नहीं हुआ है सो राजकुमार रौत, हनुमान बेनीवाल, कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, सदन में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के साथ करीब डेढ़ दर्जन पूर्व मंत्री साख बचाने में लगे है।
दूसरी ओर भाजपा में मुख्यमंत्री भजनलाल, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश प्रभारी राधामोहन अग्रवाल इनके साथ ही संगठन के पदाधिकारी के साथ भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 40 नेताओं को उतारा है इनमें चार केन्द्रीय मंत्री, पांच राज्यसभा सासंद, दो लोकसभा सांसद, दो उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, दीया कुमारी के अलावा, छह मंत्री सभी सात सीटों को जीतने के लि प्रचार को धार दे रहे है हर रणनीति पर सोच विचार कर कदम आगे रख रहे है ताकि चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आयें उपचुनाव में चारो पार्टियों के क्षेत्रीय क्षत्रपों का अपना अपना दावा है पर असल लडाई सभी सीटें जीतने के दावो के अनुसार कांग्रेस भाजपा की ही होने वाली है क्योंकि भाजपा डबल इंजन की सरकार के कार्यो, नीतिगत फैसलो के खुशहाल परिणाम को क्षेत्रीय जनता को बताकर 2047 के विकास का रोडमैप समझाया जा रहा है तो कांग्रेस काल की उन योजनाओं की पोल पट्टी खोली जा रही है जिनके कारण प्रदेश में विकास की दर में कोई बढोत्तरी नहीं हुई पर कई विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला जरूर रहा भाजपा बता रही है कि भजनलाल सरकार ने 10 माह में जो लोकल समाजहित, राष्ट्रहित, राज्यहित में फैसले लिए और गहलोत सरकार के विभागीय भ्रष्टाचार को उजागर किया खासतौर पर नकल माफिया, चिकित्सा, शिक्षा, निकाय विभाग, पुलिस विभाग महकमे में हुई भर्तियों के घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है भजनलाल की नेक नियत और केन्द्र सरकार की कार्यनीति राष्ट्रहित के भरोसे ही राज्य में भाजपा ने 115 सीटें जीती थी वो भी तब जब तथाकथित भाजपा में मोदी शाह की विचारनीति से देश प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से राजनैतिक मतभिन्नता थी जिसकी पुष्टि प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल द्वारा पिछले दिनों यह कहकर की गई कि राजे बड़ी दिग्गज एवं अनुभवी नेता है प्रभारी का यह बयान साबित करता है कि पार्टी हारी तो हार का ठीकरा मुख्यमंत्री के सिर ही फोड़ा जायेगा ना की प्रधानमंत्री मोदी या जेपी नड्डा के सिर, कांग्रेस में भी ठीक इसी तरह की नेताओं में आपसी राजनैतिक मतभिन्नता और शीतशब्द युद्ध सचिन पायलट, गहलेात के बीच चलता रहा ऐसे में कांग्रेस को आस है कि पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जो यात्रायें निकाली गई और लोकसभा में संविधान सुरक्षा जातिजगणना ओबीसी वर्ग की जातिगत क्षेत्रों में जिसकी जितनी आबादी के हिसाब से भागीदारी सुनिश्चित करवाने का वक्तत्व मोदी सरकार के 10 वर्षो में जो भ्रष्टाचार की बडी घटनायें हुई के अलावा आम गरीब गुरबे के हक हकूको की लडाई में महंगाई , बेरोजगारी, छोटे उद्योग धंधे बंद होने के मुद्दो को जनता के बीच ले जाकर सभी सात सीटें जीतने का दावा कांग्रेस ठोक रही है 2023 में 69 सीटों के साथ विपक्ष में बैठी मजबूत कांग्रेस भाजपा सरकार को घेर रही है और तो और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा तो मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार को पर्ची वाला मुख्यमंत्री बताकर उनके द्वारा सरकार के हर नीतिगत फैसले निर्णय पर सवाल खड़े कर रही है ऐसे में कांग्रेस के दावे अनुसार सभी सीटे नहीं जीतती है तो क्षेत्रीय नेताओं से लेकर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की राजनैतिक छवि में हो रहे इजाफे को झटका लगेगा। फिलहाल यही कहा जा सकता है इन सभी क्षत्रपों की साख का खुलासा 23 नवंबर को परिणाम आने के साथ हो जायेगा और यह भी खुलासा हो जायेगा की भीतरघातियों ने किस दल का खेला बिगाड़ा है।