भोपाल जिले में लंपी का एक भी प्रकरण नहीं
भोपाल। उप संचालक, पशु चिकित्सा डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि भोपाल जिले में गौवंश में लंपी स्किन डिसीज का अभी तक कोई केस नहीं आया है फिर भी प्रिकॉशन के तौर पर रेपिड एक्शन (RRT) टीम का गठन किया गया है। टीम राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 0755-2767583 एवं ट्रोल नम्बर - 1962 से प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्यवाही कर पशु की बीमारी परीक्षण एवं उपचार कराएगा। टीम के द्वारा पशुपालक एवं ग्रामवासियों को मार्गदर्शन एवं बीमारी से बचने के उपाये के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लंपी डिसीज जानवरों से इंसानों में नहीं फैलती है इसलिए गाय के दुध के उपयोग के बारे में नागरिकों से भ्रम नहीं फैलाने की अपील की है।
डॉक्टर रामटेके ने लंपी स्किन डिसीज बीमारी के प्रकोप को देखते हुए पशुपालकों से अनुरोध किया है कि वे पशुओं में बीमारी के शुरूआती लक्षण जैसे कि हल्का बुखार, पूरे शरीर में चमड़ी पर उभरी हुई गठाने दिखाई देने पर निकट्स्थ पशु चिकित्सा संस्था एवं पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित करें। अभी तक भोपाल जिले में 6 हजार से अधिक इस वर्ष गौवंश का टीकाकरण किया जा चुका है। पशुपालन विभाग द्वारा समय-समय पर गौवंश का अन्य बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लंपी स्किन डिसीज पशुओं की एक विषाणुजनित बीमारी है जो कि मच्छर, मक्खी एवं टिक्स (चिंचोडी/चीचड़े) आदि के काटने से एक पशु से दूसरे पशु में फैलती है। बीमारी में अधिकतर संकमित पशु 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाते है एवं मृत्युदर 1 से 5 प्रतिशत है। बीमारी से सुरक्षा एवं बचाव के उपाय के लिए पशु-पालक संक्रमित पशु को अन्य स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करें। पशुशाला, घर आदि जगह पर साफ-सफाई, जीवाणु-विषाणु नाशक रसायन जैसे फिनाईल, फोर्मेलिन एवं सोडियम हायपोक्लोराईड आदि से करें। पशुपालकों को शाम के समय पशु शेड में नीम के पत्तों से धुआं करना चाहिये जिससे मक्खी-मच्छर से पशुओं का बचाव हो। साथ ही पशुपालक अपने शरीर की साफ सफाई का भी ध्यान रखें।