अब आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल सेवा पूरे प्रदेश में शुरू
भोपाल । परिवहन विभाग ने गुरुवार को जबलपुर को भी आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण, पता परिवर्तन व डुप्लीकेट लाइसेंस सेवा से जोड़ दिया है। अब प्रदेश के सभी जिलों में यह सेवा शुरू हो चुकी है। प्रदेश के तीन लाख लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण, लाइसेंस पर पता परिवर्तन व डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। इस कार्य को घर बैठे कर सकते हैं। यह कार्य खत्म होने के बाद विभाग ने दूसरी सेवाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। 23 दिसंबर 2021 को पायलट प्रोजेक्ट के तहत आगर मालवा से ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण, लाइसेंस पर पता परिवर्तन व डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस की शुरुआत की थी। आगर मालवा में यह सेवा सफल होने के बाद दूसरे जिलों में इस सेवा की शुुरुआत की गई। छोटे जिले पहले जोड़े गए। बड़े जिलों में सेवा शुरू की गई। पूरे प्रदेश में इस सेवा को शुरू करने में ढाई माह से अधिक का समय लग गया, क्योंकि राष्ट्रीय इंफोरमेटिक सेंटर के सारथी पोर्टल पर डेटा पोर्ट करने में समय लग गया था। गुरुवार को जबलपुर में भी इस सेवा को शुरू कर दिया। प्रदेश के सभी जिलों में यह सेवा शुरू हो चुकी है।
इन सेवाओं को भी आनलाइन किया जाएगा
टैक्सेशन, परमिट, फिटनेस, डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन, ट्रेड सर्टिफिकेट, प्रदूषण जांच केंद्र आवेदन, मोटर ड्राइविंग स्कूल, आल इंडिया परमिट। इन सेवाओं को भी आनलाइन किया जाएगा। कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन शुरू करने का कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए डेटा पोर्ट किया जा रहा है। वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीलर प्वाइंट पर ही वाहन रजिस्टर्ड हो जाएगा। दूसरे जिले से वाहन खरीदने पर टीआर (अस्थाई रजिस्ट्रेशन) की जरूरत नहीं होगी। उसी डीलर के यहां से ही रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके लिए वाहन पोर्टल बनाया गया है। नई गाडिय़ों के रेट में बदलाव हो जाता है, लेकिन प्रदेश में यह अपडेट नहीं होते हैं, इससे कर की चोरी होती है। वाहन पोर्टल पर तत्काल रेट अपडेट होंगे। जिससे टैक्स की चोरी बचेगी। पुरानी गाड़ी के विक्रय के लिए पक्षकार को कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है। गाड़ी का फोटो भी खिंचवाना होता है। पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन को भी आनलाइन किया जाएगा। आधार कार्ड से इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे। वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए ओटीपी जनरेट करना होगी। बायोमेट्रिक से विक्रेता व खरीददार की पहचान की जाएगी।