अब वाटर हार्वेस्टिंग का नया खर्चा
इंदौर । इंदौर सहित प्रदेशभर की हजारों आंगनवाड़ी केंद्र अब पानी सहेजने का काम भी करेंगे। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए भोपाल से जारी आदेश के बाद प्रदेशभर की 5693 कच्चे भवनों में संचालित हो रही आंगनवाडिय़ों सहित इंदौर की 73 केंद्रों के नक्शों पर भी सुधार किया जा रहा है। बढ़ती महंगाई के चलते आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण अटका है और इस पर नया फरमान जारी हुआ है कि वाटर हार्वेस्टिंग भी करवाएं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी किए निर्देश के बाद संचालित की जा रही आंगनवाडियों को पानी बचाने के केंद्र बनाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के दायरे में लाया जा रहा है। जिले में निर्माणाधीन 73 भवनों के नक्शों में अब हार्वेस्टिंग सिस्टम भी शामिल किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा और पानी बचाने के लिए शुरू की गई मुहिम के तहत सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम लगाने के निर्देश पहले भी जारी किए जा चुके थे, लेकिन अब आंगनवाड़ी केंद्रों को भी अब इस दायरे में लाया गया है। प्रदेश के सुदूर अंचलों में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों में भी यह सिस्टम दिखाई देगा।
आंगनवाडिय़ां किराए के भवनों में
प्रदेश के अधिकांश जिलों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं, जिन्हें प्रतिमाह 3 हजार तक का किराये का भुगतान किया जा रहा है। विभाग इन आंगनवाडिय़ों के लिए भी जमीनों की तलाश कर रहा है। शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी के कारण मामला अटका हुआ है, जिनमें अब वाटर हार्वेस्टिंग भी लगाया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 5 से 9 लाख तक की राशि मुहैया कराई जा रही है, लेकिन केंद्रों में सुविधाओं को लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार गार्डन, किचन, हाल, खेलकूद की जगह, डायनिंग हॉल आदि शामिल किया गया है। अब नए फरमान वाटर हार्वेस्टिंग का खर्चा भी इसी में शामिल होगा। नगर निगम के ठेकेदारों द्वारा बनाए जा रहे इन भवनों की मजबूती पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं, क्योंकि ठेकेदारों की माने तो सीमेंट, रेत, गिट्टी और सरिए के भाव आसमान छू रहे हैं।