उच्च पद की काउंसलिंग से छूटे शिक्षकों को एक मौका
22 को आयोजित होगी काउंसलिंग, डीईओ से कार्योत्तर स्वीकृति लेकर हो सकेंगे शामिल
भोपाल । उच्च श्रेणी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक माध्यमिक शिक्षक को व्याख्याता पद के प्रभार से वंचित करने का खुलकर विरोध होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को 22 जुलाई को काउंसलिंग के लिए बुलाया है। हालांकि उन्हें सक्षम स्तर से अनुमति के बगैर योग्यता वृद्धि (स्नातकोत्तर, बीएड) करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की कार्योत्तर अनुमति लेनी होगी। बगैर कार्योत्तर अनुमति के आने वाले शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा।
विभाग ने उच्च पद के प्रभार के लिए प्रदेशभर में 14 से 18 जुलाई तक काउंसलिंग आयोजित की थी। इसमें उन शिक्षकों को शामिल नहीं होने दिया गया, जिन्होंने संस्था प्राचार्य, संकुल प्राचार्य की अनुमति से योग्यता वृद्धि (स्नातकोत्तर-बीएड) की है। इस पर शिक्षकों की तीखी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने राज्य शिक्षा संहिता के नियमों का हवाला देकर बताया कि संकुल प्राचार्य की अनुमति से भी शिक्षक योग्यता वृद्धि कर सकते हैं और पिछले साल इसे मान्य भी किया गया है। मामला विभाग के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता तक पहुंचा, तो ऐसे शिक्षकों को भी उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए गए, तब संचालक लोक शिक्षण ने आनन-फानन में छूटे शिक्षकों के लिए अलग से काउंसलिंग की तारीख निश्चित की।
अब होगी डीईओ की मनुहार
लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने सक्षम स्तर की अनुमति बगैर योग्यता वृद्धि करने वाले शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार देने की प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय तो सुना दिया पर उसमें एक पेंच भी फंसा दिया। उनसे कहा गया है कि डीईओ की कार्योत्तर स्वीकृति लेंगे, तभी काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा। अब सभी जिलों के शिक्षकों को कार्योत्तर स्वीकृति लेने के लिए डीईओ की मनुहार करनी होगी। जिसमें सभी नीतियां अपनाई जाएंगी।
शिक्षक संगठन ने किया स्वागत
लोक शिक्षण संचालनालय के छूटे शिक्षकों की काउंसलिंग कराने के निर्णय का शासकीय शिक्षक संगठन ने स्वागत किया है। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा कि संगठन की मांग को संज्ञान में लेकर काउंसलिंग से वंचित किए गए शिक्षकों की पुन: काउंसलिंग कराने का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों से अपील की है कि वे प्रक्रिया को पूरा करते हुए निर्धारित तिथि को काउंसलिंग में शामिल हों।