पुलिस भर्ती परीक्षा निरस्त होने पर विपक्ष योगी सरकार को घेरा
लखनऊ । यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने की राज्य सरकार की घोषणा के बाद विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार के इस फैसले को युवा बेरोजगारों की जीत करार दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी पुलिस आरक्षी परीक्षा का निरस्त होना युवाओं की जीत है और भाजपा सरकार के प्रपंचों की हार है। पहले तो भाजपाई कह रहे थे पेपर लीक ही नहीं हुए तो अब कैसे मान लिया। इसका मतलब अधिकारी और अपराधी मिले हुए थे और सरकार भी पीछे से अपना हाथ उनके सिर पर रखे हुई थी लेकिन तमाम सबूतों के आगे चुनाव में ऐतिहासिक हार से बचने के लिए सरकार झुकने पर मजबूर हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नौकरियों के नाम पर जो खेल बेरोजगार युवक-युवतियों से खेल रही है, उसका सच अब सब समझने लगे हैं। दिखावे के लिए नौकरियां निकालना, अरबों रुपये की फीस ले लेना, पेपर लीक होने देना फिर निरस्त करने का नाटक करना, ये खेल भाजपा को इस बार बहुत महंगा पड़ेगा। इस बार युवाओं ने ठान लिया है कि न बहकावे में आएंगे न किसी भाजपाई झांसे में। युवा अगले हर चुनाव में भाजपा को बुरी तरह हराएंगे और हमेशा के लिए हटाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि युवा कह रहे हैं कि फीस के नाम पर जो पैसा लिया गया है कहीं वो भाजपा का चुनावी फंड न बन जाए, इसीलिए अभ्यर्थियों का फार्म जमा रहे लेकिन भाजपा सरकार फीस का पैसा अभी लौटाए और जब कभी दुबारा परीक्षा हो तो ऑन लाइन डिजिटल पेमेंट से तुरंत फिर से फीस ले ले।
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने प्रयागराज और लखनऊ में पेपर लीक का मुद्दा उठाकर आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का साथ दिया था। अब सवाल है कि क्या योगी सरकार पेपर लीक करनेवालों के घर पर बुलडोजर चलाएगी? वहीं, अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि छह महीने की अवधि पर विश्वास करने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इंसाफ मिलने में देरी भी नाइंसाफी है। पल्लवी पटेल ने कहा कि अब सरकार ने पेपर लीक की घटना को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों के पास एडमिट कार्ड है। इसलिए सरकार को चाहिए कि 15 दिनों में या लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले सिपाही भर्ती परीक्षा दोबारा आयोजित करा ले।