पुतिन ने अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच वार्ता में प्रगति के संकेत दिए
मॉस्को । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि एक विवादित क्षेत्र को लेकर लड़ रहे पड़ोसी देश अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच मुख्य विवादों में से एक को हल करने में केवल तकनीकी बाधाएं हैं। पुतिन ने मॉस्को में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव और अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान से मुलाकात की और उनसे लाचिन गलियारे को लेकर विवाद पर चर्चा की। यह अर्मेनिया और विवादित क्षेत्र नगोर्नो-काराबाख के बीच इकलौता अधिकृत संपर्क क्षेत्र है तथा क्षेत्र के करीब 1,20,000 लोगों को सामान की आपूर्ति के लिए जीवनरेखा है। मॉस्को में पुतिन की मेजबानी में एक क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में अलियेव और पाशिनयान ने इस गलियारे को लेकर एक-दूसरे पर भड़ास निकाली। पुतिन ने कहा कि प्रमुख मुद्दों पर एक समझौता है और बाद में उन्होंने कहा कि तकनीकी मुद्दों पर विवाद हैं। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक पाशिनयान ने कहा कि मैं इस बात की पुष्टि करना चाहता हूं कि अर्मेनिया और अजरबैजान एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता को परस्पर मान्यता देने पर सहमत हो गए हैं और इस आधार पर हम कह सकते हैं कि हम अपने संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि अर्मेनिया और अजरबैजान ने 2020 में नगोर्नो-काराबाख को लेकर लड़ाई लड़ी थी जिसमें 6,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। रूस की मध्यस्थता में यह लड़ाई खत्म हुई थी। नगोर्नो-काराबाख अजरबैजान की सीमा में आता है लेकिन अर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय अर्मेनियाई बलों ने 1994 से इस क्षेत्र तथा इसके आसपास के क्षेत्रों पर कब्जा जमा रखा है। अजरबैजान लगातार आरोप लगाता है कि अर्मेनिया ने नगोर्नो-काराबाख में हथियारों तथा गोला बारुद पहुंचाने के लिए लाचिन गलियारे का इस्तेमाल किया है।