प्रदेश में फिर शुरू होगा बारिश का दौर
- अगले हफ्ते 5 दिन बारिश के आसार
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम समेत कई अन्य इलाके भीगेंगे
भोपाल । मध्यप्रदेश में सितंबर के शुरुआती 6 दिन अबतक गरम-नरम रहे हैं। बीते एक सप्ताह से उमस ने लोगों को परेशान किया है। हालांकि कुछ घंटों की तेज बारिश से कई इलाकों में नदी-नालों के उफान पर आने से लोग आफत में भी फंसे। अब अगले 8 दिन में दो नए सिस्टम बन रहे हैं। ऐसे में 5 दिन बारिश के आसार हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अब 9 और 10 सितंबर को मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों इंदौर, जबलपुर, सागर, बैतूल और नर्मदापुरम में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके बाद 12 से फिर पूरे प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा। इस दौरान 14 सितंबर तक लगातार तीन दिन प्रदेश के मध्य और ऊपरी इलाकों (भोपाल, सागर, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड) समेत कई अन्य इलाकों में अच्छी बारिश हो सकती है।
पहला सिस्टम यहां कराएगा बारिश
वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटों में एक नया सिस्टम बनने के पूरे आसार हैं। जो कि बहुत ज्यादा स्ट्रांग नहीं है, लेकिन बारिश जरूर कराएगा। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बनने लगा है। 8 सितंबर तक यह पूरी तरह बन जाएगा। इसके बाद 9 और 10 सितंबर को इससे इंदौर, जबलपुर, सागर, बैतूल और नर्मदापुरम समेत दक्षिणी इलाकों में 48 घंटे तक बारिश का जोर रहेगा।
दूसरा सिस्टम इस तरह बनेगा
अभी ट्रफ लाइन काफी ऊपर यूपी की तरफ है। यह 12 सितंबर तक मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में नीचे आ जाएगी। इससे दूसरा सिस्टम 12 सितंबर से सक्रिय हो जाएगा। जो तीन दिन तक ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सागर, रायसेन, विदिशा, गुना समेत कई इलाकों में बारिश कराएगा। भारी बारिश के आसार कम हैं, लेकिन सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो सकता है।
मध्यप्रदेश में करीब 40 इंच बारिश
मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक करीब 40 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य रूप से 33 इंच बारिश होना चाहिए। पूर्वी मध्यप्रदेश की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। छतरपुर, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़ में सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि सिर्फ रीवा और सीधी ही दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर बारिश सामान्य से करीब 30 प्रतिशत कम है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में दतिया (30 प्रतिशत) अनूपपुर (29 प्रतिशत) और झाबुआ (25 प्रतिशत) ही ऐसे इलाके हैं, जहां पर बारिश का कोटा सामान्य से कम रहा है। इसके अलावा धार और मुरैना में ही सामान्य से कुछ बारिश कम हुई है।