सिकल सेल एनीमिया के उपचार पर रिसर्च को बढ़ाया जाए
भोपाल : उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उप राष्ट्रपति भवन में हर्बल पार्क की स्थापना में डिंडोरी का विशेष योगदान होगा। डिंडोरी में जैव विविधिता एवं औषधीय वनस्पति की उपलब्धता को देखते हुए यहां सिकल सेल एनीमिया सहित अन्य बीमारियों के उपचार पर रिसर्च कार्य को तेजी से बढ़ाया जाना चाहिए। जिससे देश और विदेश में डिंडोरी का नाम प्रसिद्ध हो। सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और जागरूकता के लिए सभी स्तर पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। शोधकर्ताओं-समाजसेवियों-चिकित्सकों के समन्वित प्रयास से इसे सामाजिक आंदोलन बनाना होगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में निरंतर प्रगति करते हुए देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। उप राष्ट्रपति धनखड़ डिण्डौरी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम विश्व सिकल सेल दिवस-2024 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रदेश में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय डिण्डौरी में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण तथा श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और उप राष्ट्रपति धनखड़ की पत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ उपस्थित थीं। उप राष्ट्रपति का जनजातीय कलाकारों ने परम्परागत नृत्य कर स्वागत किया। उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कार्यक्रम स्थल पर पौध-रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष तथा अन्य विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा अनुसार उप राष्ट्रपति धनखड़ को पगड़ी तथा श्रीमती धनखड़ को शॉल व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उप राष्ट्रपति को गोंडी पेंटिंग भी भेंट की। राज्यपाल पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने किया। कार्यक्रम में सिकल सेल एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में जारी प्रयासों पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का राष्ट्रपति बनना भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में जनजातियों का बहुत अधिक महत्व है। श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का राष्ट्रपति बनना भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से प्रगति कर रही है। आर्थिक परिदृश्य में ब्राजील, कनाडा, इंग्लेंड और फ्रांस जैसे देशों से भारत आगे निकला है। इस क्रम में जर्मनी और जापान से भी हम आगे निकलेंगे। इसमें जनजातीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने और देश को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति कराने का संकल्प लिया है।
सिकल सेल उन्मूलन का यज्ञ आरंभ हो चुका है
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस आशय की घोषणा जुलाई 2023 में शहडोल जिले से की और राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन-2047 का शुभारंभ किया। सिकल सेल उन्मूलन का यज्ञ आरंभ हो चुका है। हम सब को इसमें योगदान देना है। सिकल सेल एनीमिया जैसी अनुवांशिक बीमारी के उन्मूलन के लिए आयुष्मान भारत योजना में आवश्यक सुधार करना शासन की दूर दृष्टि को दर्शाता है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। प्रदेश सरकार इस दिशा में देश में अग्रणी है। डिंडोरी एवं आसपास के जिलों में जैव विविधता और औषधीय वनस्पति का खजाना उपलब्ध है। उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारतीय संविधान में जनजातियों के लिए विशेष प्रावधान है। जनजातीय क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में खनिज तथा अन्य राष्ट्रीय खनिज धरोहर उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष पहल की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश अपने विकास से सबको मोहित करता रहेगा
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पहली भेंट में ही अपनी प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि प्रदेश से सिकल सेल उन्मूलन एवं जनजातीय विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं। मंत्री परिषद की पहली बैठक जबलपुर में करने का निर्णय उनकी जनजातीय विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और लाउडस्पीकरों के उपयोग के संबंध में लिया गया निर्णय उनकी संवेदनशीलता और व्यवहारिकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अपने विकास की गति से सबको मोहित करता रहेगा।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए समन्वित प्रयास जारी
राज्यपाल पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनजातियों की जनसंख्या एक करोड़ 90 लाख है। अब तक लगभग 55 लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है, इनमें से एक लाख 20 हजार 935 व्यक्ति बीमारी के वाहक हैं अर्थात इनमें सिकल सेल एनीमिया प्रारंभिक स्थिति में है जबकि इस बीमारी के मरीजों की संख्या 18 हजार से अधिक है। यह एक अनुवांशिक रोग है, इससे आने वाली पीढ़ी भी प्रभावित होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र के बजट में बीमारी के निवारण एवं अन्य उपायों के लिये 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समन्वित रूप से सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल पटेल ने सिकल सेल एनीमिया के संबंध में जागरूकता के लिए जनजातीय समुदाय स्तर पर विशेष प्रयास करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने इस बीमारी से बचाव के प्रारंभिक उपायों पर प्रकाश डाला।
राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार सिकल सेल उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता के साथ-साथ स्क्रीनिंग ,उपचार और दवा वितरण आदि की व्यापक व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास के हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं। इसी क्रम में मंत्री परिषद की पहली बैठक जबलपुर में आयोजित की गई। क्षेत्र में विकास और जनकल्याण की अनेक गतिविधियां संचालित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहुमुखी प्रतिभा संपन्न उप राष्ट्रपति धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि डिंडोरी क्षेत्र आधुनिकता की दृष्टि से भले ही पिछड़ा हो पर यहां के लोग प्रेम, सद्भाव, समर्पण की भावना से परिपूर्ण और समृद्ध हैं। इस क्षेत्र के लोगों ने किसी भी सत्ता के आगे सर नहीं झुकाया। रानी दुर्गावती और रानी अवंती बाई लोधी ने मातृ पक्ष का मान बढ़ाया और आक्रांताओं को परास्त किया, उन्होंने स्वयं को और क्षेत्र को कभी गुलाम नहीं बनने दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के बारे में जागरूकता फैलाने और इस दिशा में राज्य सरकार को प्रभावी प्रयास करने के लिए प्रेरित करने में राज्यपाल पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका है।