रिटायर्ड आईपीएस डीके पांडा से 381 करोड़ रुपए का फ्रॉड, राधा बनकर कार्यालय जाने पर चर्चा में आए थे
प्रयागराज। यूपी के चर्चित आईपीएस अधिकारी डीके पांडा फ्रॉड का शिकार हो गए हैं। उनके साथ 381 करोड़ रुपए की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। यह वही आईपीएस अधिकारी हैं जो कभी कृष्ण प्रेम में राधा रानी बनकर कार्यालय जाया करते थे। रिटायर्ड आईपीएस अब साइबर ठगी के मामले के कारण चर्चा में आ गए हैं। डीके पांडा ने दावा किया है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से उन्होंने 381 करोड़ कमाए थे, जो ठगों ने उड़ा दिए हैं। उन्होंने ठगों की एनआईए और सीबीआई से जांच कराने की मांग भी कर दी है। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डीके पांडा ने 381 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का दावा किया है। डीके पांडा का दावा है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से उन्होंने ये पैसे कमाए थे। यह पैसे अब तक उनके बैंक खाते में नहीं आए हैं। अब प्रयागराज में बाबा कृष्णानंद के नाम से रह रहे डीके पांडा ने धूमनगंज थाने में 381 करोड़ की ठगी का दावा करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। पूर्व आईपीएस डीके पांडा ने दावा किया है कि उन्होंने लंदन की कंपनी में निवेश किया था। निवेश के लाभ के रूप में उन्हें 381 करोड़ रुपये मिले। लाभ की राशि की ठगी कर ली गई है। धूमनगंज थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। प्रयागराज के प्रीतम नगर में रह रहे डीके पांडा ने तहरीर में कहा है कि कुछ समय पहले उनकी राहुल नामक युवक से ऑनलाइन पहचान हुई थी। उसी के सुझाव पर उन्होंने लंदन की फिन्नीएक्स ग्रुप डॉट कॉम में राशि निवेश की थी। इसके बदले उन्हें 381 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया। डीके पांडा ने लाभ के रुपये निकालने की कोशिश तो इसमें वे सफल नहीं हुए। इसके बाद उनसे पैसों की डिमांड की गई। जब डीके पांडा ने पैसे देने से मना किया तो आरोपी ने अपशब्द कहना शुरू कर दिया। आरोपी ने डीके पांडा का आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज का इस्तेमाल टेरर फंडिंग में करने और उनकी कमाई के रुपये आतंकियों को देकर उन्हें फंसाने की धमकी तक दे डाली।
1971 बैच के हैं आईपीएस
ओडिशा के मूल निवासी डीके पांडा पहले भी चर्चा में रह चुके हैं। वे 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। डीके पांडा 2005 में आईजी के पद पर थे। इस दौरान वे सोलह श्रृंगार कर ड्यूटी पर पहुंच गए थे। रिटायर्ड आईपीएस डीके पांडा ने तब खुद को दूसरी राधा घोषित कर दिया था। इससे पुलिस विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। डीके पांडा ने रिटायर होने के दो साल पहले 2005 में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद 2015 डीके पांडा भगवान कृष्ण के सपने को आधार बनाकर दूसरी राधा के रूप को त्याग दिया। इसके बाद वे कृष्णानंद बन गए। अभी वे कृष्ण भक्ति में लीन रहते हैं। पुलिस विभाग में कभी डीआईजी आईजी रहे पूर्व आईपीएस देवेंद्र किशोर पंडा के नाम से कभी अपराधी कांपते थे।