शहर में गंदगी देख टोंक कलेक्टर ने अधिकारियों को पिलाई लताड़
जयपुर । बिगड़ती बिजली, पानी और सफाई की व्यवस्था का हाल जानने के लिए सुबह जिला कलक्टर सौम्या झा टोंक की सड़कों पर निकली उनके साथ अधिकारियों का पूरा लवाजमा था हालांकि उनका छह-सात जगह जाना था, लेकिन वे धन्ना तलाई क्षेत्र के धर्म कांटा मोहल्ले में पेयजल ओर गंदगी से भरी नालियां और नाले देखकर वापस अपने कार्यालय लौट गई इस दौरान जन समस्याओं को लेकर लोगों में आक्रोश दिखा।
कलक्टर ने शहर में गंदगी देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई और सात दिन में सुधार के निर्देश दिए. टोंक शहर भीषण गर्मी के इस सीजन में बिजली पानी और गंदगी की समस्याओं से ग्रस्त नजर आ रहा है. ऐसे में सोमवार सुबह एक उम्मीद उस समय जगी, जब जिला कलक्टर सौम्या झा नगर परिषद, सीवरेज, जलदाय, बिजली विभाग सहित तमाम महकमों के अधिकारियों के लवाजमे के साथ टोंक शहर के हालात देखने निकली. उनका पहला स्टॉपेज धन्ना तलाई का धर्म कांटा क्षेत्र था. यहां सड़क से चंद कदम की दूरी पर गंदगी से भरी नालियां दिखाई दी. मोहल्ले वासियों से बात की तो उन्होंने पेयजल की समस्या से अवगत कराया. स्थानीय लोगों ने बताया कि जलापूर्ति का कोई निश्चित समय नहीं है. बिजली कटौती भी खूब होती है धन्नातलाई क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहने वाले अकबर खान ने कहा कि कलेक्टर के इस दौरे से उन्हें उम्मीद है कि शहर के हालात बदलेंगे, लेकिन कब बदलेंगे यह नहीं पता. अकबर खान ने कहा कि क्षेत्र में धन्ना तलाई के अंदर लोगों का जीना दुश्वार है। नल और नालियां गंदगी से भरे पड़ी है. नगर परिषद के कर्मचारी महज खाना पूर्ति करने आते हैं और चले जाते है लोगों ने बताया कि क्षेत्र में बिजली कटौती का कोई टाइम नहीं है कलक्ट्रेट में बिजली व पानी की समस्याओं को लेकर एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. उसके मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किया गया है, अधिकारी फोन नहीं उठाते. उठाते भी हैं तो समस्याओं का निराकरण नहीं होता स्थानीय लोगों की समस्याओं को जिला कलक्टर सौम्या ने गंभीरता से लिया और मौके से ही अधिकारियों को फोन लगाया. उन्होंने साथ चल रही नगर परिषद कमिश्नर को गंदगी देखकर फटकार लगाई और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए.लोग कलक्टर का इंतजार करते रहे: जिला कलक्टर का यह दौरा पूर्व निर्धारित था. इसलिए कार्यक्रम के अनुसार धन्ना तलाई के चिमनी क्षेत्र में लोग इंतजार कर रहे थे कि कलेक्टर यहां भी आएंगी तो वे अपनी बात उनके सामने रखेंगे, लेकिन जिला कलक्टर 35 से 40 मिनट के बाद ही वापस लौट गई।