सर्जनों ने मरीज के पेट से निकाला तीन किलो का ट्यूमर
अलीगढ़। अमुवि के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 34 वर्षीय व्यक्ति के पेट से 3 किलो के ट्यूमर को निकालने के लिए एक दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद निवासी 34 वर्षीय मुकेश पेट रोग समस्या से ग्रस्त था और उसका पेट बढ़ रहा था तथा उसे खड़े होने, बैठने और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जेएनएमसी के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों द्वारा कराई गई एक जांच से पता चला कि उनके पेट के दाहिने हिस्से में तीन किलोग्राम वजन का एक दुर्लभ ट्यूमर है।
कुछ परीक्षणों के बाद, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अफजा़ल अनीस और डा याकूब वानी के नेतृत्व में सर्जनों की एक टीम ने रेजिडेंट डाक्टरों चित्रा, दीवांशु, अमरिंदर, प्रने और फिरदौस की मदद से एकखतरनाक ट्यूमर असामान्य सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सर्जरी के बाद मुकेश को गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया और उसकी हालत में सुधार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जेएनएमसी सर्जनों ने कहा कि इतना बड़ा ट्यूमर बहुत दुर्लभ है। प्रोफेसर अफज़ल अनीस ने कहा कि ‘यह एक अनूठा मामला था क्योंकि हम शायद ही कभी तीन किलोग्राम वजन वाले ट्यूमर को निकालते। रोगी और उसके परिवार को सर्जरी के खतरों से अवगत कराया गया और जेएनएमसी में नवीनतम सुविधाओं में उनके विश्वास ने उन्हें सर्जरी के लिए मानसिक रूप से तैयार किया। डाक्टर याकूब वानी ने कहा कि ‘ऐसे ट्यूमर दुर्लभ हैं। हमारे पास ऐसे कई मरीज हैं जिनके पेट या छोटी आंत में ट्यूमर है, लेकिन यह ट्यूमर बहुत अलग और बड़ा था।
प्रोफेसर अफज़ल और डा याकूब ने कहा कि सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं लेकिन मुकेश का ट्यूमर खतरनाक था और अगर इसे हटाया नहीं जाता तो उसके जीवन को खतरा हो सकता था।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सर्जनों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि जेएनएमसी गरीब मरीजों को सस्ती सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहा है जबकि निजी अस्पतालों में उन्हें उच्च शुल्क वहन करना पड़ता था।