तेलंगाना सरकार ने लगाया तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखे पर बैन
हैदराबाद। गुटखा, पान मसाला या सिगरेट यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं यह सब जानकर भी लोग इसे खाने से परहेज नहीं करते हैं। इससे खतरनाक बीमारी जन्म लेते हैं जो हमारी जान भी ले लेती हैं। इन्हीं सब को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने पूरे राज्य में तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, वितरण, परिवहन और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने स्वास्थ्य चिंताओं का हवाला देते हुए 24 मई को आदेश दिया कि यह निषेध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 की उप-धारा (2) के खंड (ए) के तहत खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमन 2011 के विनियमन 2.3.4 के संयोजन में अधिनियमित किया गया है। जीएचएमसी के सहायक खाद्य नियंत्रक के बालाजी राजू ने कहा कि पिछले चार से पांच महीनों से बिक्री की जा रही थी, लेकिन यह आदेश इस पर रोक लगाता है। इस आदेश ने हैदराबाद के बाजारों के पान दुकान के मालिक इसका पालन करने को तैयार हैं लेकिन क्षेत्र की असंगठित प्रकृति के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पान शॉप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सलाहुद्दीन दखनी ने कहा कि तेलंगाना में करीब 1.5 लाख पान की दुकानें हैं। हम गुटखा पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं और कई दुकानदारों ने बिक्री भी बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों से चबाने वाले तंबाकू और जर्दा को छूट देने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए इन बिक्री पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि उनके संघ ने पहले इस मुद्दे पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को ज्ञापन सौंपा था।