रोजाना की जरूरतों पर पड़ा GST का भार
दाल, चावल, अनाज, दही-लस्सी से लेकर अस्पतालों में इलाज के लिए अब लोगों को अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे। जरूरत की तमाम वस्तुओं पर सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ा दी हैं। सरकार ने कई वस्तुओं को पहली बार जीएसटी के दायरे में लाया है। महंगाई की कसावट ने गुड़, शहद, दह-लस्सी की मिठास कम कर दी है। दाल, चावल, आनाज से अस्पतालों के इलाज तक को महंगाई की नई खेप ने नहीं छोड़ा है। ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल, शार्पनर, चम्मच भी इसके शिकंजे में हैं। सोमवार से सभी की कीमतें 5-18 फीसदी तक बढ़ गईं हैं। कारोबारियों का कहना है कि जीएसीटी की नई दरों को थोक के साथ इसका सीधा असर खुदरा बाजार पर भी पड़ा है।
सोमवार को जीएसटी की नई दरों का नोटीफिकेश जारी हो गया है। इसके बाद नई दरें लागू हो गई हैं। खाद्य सामग्री के अलावा अगर आप 5,000 रुपये का अस्पताल में कमरा लेते हैं तो 5 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा। इससे हर दिन करीब 250 रुपये अतिरिक्त देना होगा। टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। एक किग्रा दही अगर बाजार में 200 रुपया में था तो इसकी कीमत बढ़कर 210 रुपया हो जाएगा।