मेरठ में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हुआ
मेरठ । उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक मेरठ में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यहां भाजपा व इंडिया गठबंधन और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। मेरठ लोकसभा सीट के लिए दूसरे चरण के तहत मतदान जारी है। मालूम हो कि यहां बीजेपी ने लोकप्रिय टीवी धारावाहिक रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को मेरठ से मैदान में उतारा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक भाजपा उम्मीदवार की जीत काफी हद तक दलित वोटों के विभाजन और शहरी इलाकों में उच्च मतदान प्रतिशत पर निर्भर करती है। वोटिंग शुरू होने पर गोविल ने खुद कहा कि मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि सब लोगों को वोट जरूर डालना चाहिए। ये हमारा देश के प्रति कर्तव्य है। यही नहीं मतदान हमारा अधिकार भी है।
अरुण गोविल के सामने मुख्य चुनौती समाजवादी पार्टी की प्रत्यासी सुनीता वर्मा हैं जो दलित हैं। वह मेरठ की पूर्व मेयर भी हैं और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी हैं। बसपा ने देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा है जो जाति से ब्राह्मण हैं। हालांकि इस सीट पर किसी भी बड़ी पार्टी से मुस्लिम उम्मीदवार न होने से चुनावी फाइट बेहद दिलचस्प हो गई है। पिछले कई लोकसभा चुनावों से मेरठ में भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। ऐसा भी हुआ है कि मुस्लिम वोट सपा और बसपा के बीच बंटे हैं। इस सीट पर दलित भी बड़ी संख्या में हैं। ये यहां पर मुसलमानों के बाद दूसरे सबसे बड़ा मतदाता समूह है। परंपरागत रूप से मेरठ के ज्यादा दलित बसपा को वोट देते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी ने मिलकर ताल ठोंकी थी। इस दौरान बीजेपी 5 हजार से भी कम वोटों से यहां पर जीती। टीवी सीरियल में गोविल ने भगवान राम का किरदार निभाया जिससे उन्हें यहां लोकप्रियता मिली। हाल ही में अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी को उम्मीद है कि राम फैक्टर का लाभ उन्हे मिलेगा। भाजपा नेताओं का मानना है कि गोविल के साथ बड़ी संख्या में दलित वोटर्स भी आ सकते हैं। साथ ही अधिक से अधिक संख्या में मतदान होने और मोदी फैक्टर से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद है। हालांकि गोविल के खिलाफ दूसरे दलों की ओर से यह बात जोरशोर से उठाई जा रही है कि वो बाहरी हैं। इस पर बीजेपी के राम लगातार कहते हैं कि वे मेरठ में हमेशा बने रहेंगे। अब यह देखना होगा कि आज वोटिंग खत्म होने के बाद किस तरह की बातें निकलकर सामने आती हैं।